अब श्मशान घाट में वोटर आई कार्ड नंबर बताना होगा। ऐसा होने पर हैरान न हों। इसके पीछे का कारण जानकार आप चौंक जाएंगे।
दरअसल, आने वाले समय में चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ और मजबूत करने के लिए चुनाव आयोग मृत व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से तत्काल हटाने के लिए नया सिस्टम बना रहा है।
पंजाब के अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी मंजीत सिंह नारंग ने बताया कि कई बार आरोप लगते हैं कि मृत व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में था और उसका भी वोट डाल दिया गया, लेकिन चुनाव आयोग इसे लेकर काफी गंभीर है। किसी व्यक्ति की मौत पर श्मशान घाट में भरे जाने वाले चार्ट में जल्द एपिक नंबर का भी कालम होगा।
यदि मृतक के परिजन उस वक्त यह सूचना देने में समर्थ नहीं होंगे, तो उन्हें डेथ सर्टिफिकेट लेने के समय यह जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी। नगर निगम या नगर पालिका के डेथ सर्टिफिकेट देने के रिकार्ड वाले कंप्यूटर को चुनाव विभाग के पोर्टल से जोड़ा जा रहा है
डेथ सर्टिफिकेट देने के क्रम में जैसे ही कंप्यूटर में मृतक का एपिक नंबर डाला जाएगा, चुनाव आयोग के रिकार्ड से मृतक का नाम खुद ब खुद हट जाएगा। इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए तमाम राज्यों को निर्देश जारी किए गए हैं। नारंग का कहना है कि लोग मतदाता सूची से अपने मृतक परिजन का नाम कटवाने को लेकर अकसर गंभीर नहीं होते। इसी कारण विभाग को प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन के लिए अभियान चलाना पड़ता है।
ऐसा देखने में आया है कि अभियान के दौरान बड़ी संख्या में मृतकों के नाम काटे जाते हैं। इसका कारण उनके परिवार वालों की ओर से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करना है। इसी कारण आयोग ने नई योजना बनाई है, ताकि मृतक का नाम खुद-ब-खुद मतदाता सूची से हट जाए।