अमावस्या कल: इस विधि से करें स्नान ग्रह शांति के साथ मिलेगा पुण्य लाभ
कल 26 अप्रैल बुधवार को वैशाख कृष्ण पक्ष की अन्तिम तिथि है, जिसे अमावस्या कहा जाता है। पवित्र नदियों में स्नान के लिए श्रद्घालुओं की लंबी कतारें लग जाती हैं, डुबकी लगाकर वह अपने जीवन को धन्य करते हैं। इस दिन स्नान से महालाभ प्राप्त होता है और ग्रह शांत होकर शुभ प्रभाव देते हैं। आप भी ऐसे ही किसी स्थान पर जाकर स्नान करने की मंशा रखते हैं लेकिन किसी मजबूरी वश जाना संभव न हो तो अमावस्या को राशि अनुसार करें ज्योतिष के कुछ उपाय, वनस्पति से होगी ग्रह शांति और मिलेगा पुण्य लाभ। स्नान से पूर्व नहाने की बाल्टी में किसी भी तीर्थ या पावन नदी का जल मिला लें तत्पश्चात अपनी राशि के अनुसार सामान डालें।
सूर्य : सूर्य की शांति के लिए कनेर, देवदार, केसर, इलायची, महुआ के फूल का चूर्ण पानी में डाल कर स्नान करें। जल्द ग्रह दोष दूर हो जाएगा।
मंगल : मंगल की शांति के लिए सोंठ, सौंफ, लाल चंदन के फूल पानी में डाल कर स्नान करना चाहिए।
बुध : बुध की शांति के लिए बहेड़ा, चावल, आंवला और शहद को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
गुरु : गुरु की शांति के लिए मुलेठी, सफेद सरसों को पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
शुक्र : शुक्र ग्रह की शांति के लिए हरड़, बहेड़ा, आंवला, इलायची, केसर पानी में डाल कर स्नान करें।
राहू : राहू की शांति के लिए नागबेल, लोबान, तिल के पत्र को पानी में डाल कर स्नान करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिल जाती है।
केतु : केतु की शांति के लिए लोबान, मोथा, प्रियंगु को पानी में डालकर स्नान करें।