अयप्पा मंदिर में जाने के लिए करेंगी 50 की होने का इंतजार
चेन्नई। तमिलनाडु में हिंदू संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं ने मंदिर में प्रार्थना सभा का आयोजन कर कहा कि वे भगवान अयप्पा के मंदिर में जाने के लिए 50 साल की होने का इंतजार करेंगी। भारत हिंदू मुन्नानी संगठन की कार्यकर्ता गंगादीश्वरा मंदिर पहुंची और कहा कि वे 50 साल की आयु और मासिक धर्म की उम्र पार होने तक मंदिर में प्रवेश नहीं करेंगी।
प्रार्थना सभा के दौरान एक महिला ने कहा कि प्राचीन रीति-रिवाज हमारे लिए हमेशा अच्छे ही रहे हैं। ऐसे में हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि अदालत इस मामले में क्या फैसला सुनाती है। हिंदू मक्काल काची के प्रमुख अर्जुन संपत ने कहा कि कोयंबटूर, कुड्डालोर और तिरुपुर में भी ऐसी प्रार्थना सभाएं आयोजित की गई थीं।
उन्होंने आगे कहा कि यह प्रार्थना सभाएं हमारे रीति-रिवाजों में हमारे विश्वास की पुष्टि करने के लिए की गई हैं। इस बैठक में महिलाओं ने शपथ ली कि हम सबरीमाला मंदिर के अंदर अपने विश्वास के अनुसार ही जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि सबरीमाला मंदिर में अब हर उम्र की महिलाएं प्रवेश कर सकेंगी।
बताते चलें कि फिलहाल 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं थी। इसी लैंगिक आधार पर भेदभाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाया। यह फैसला चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनाया।
यहां मकर संक्रांति की रात घने अंधेरे में रह रहकर एक ज्योति दिखती है, जिसके दर्शन के लिए दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु हर साल आते हैं। मंदिर आने वाले भक्त मानते हैं कि ये देव ज्योति है और भगवान इसे जलाते हैं।