आज से खुल गए हेमकुंड साहिब के कपाट, पंज प्यारों की अगुवाई में पहुंचे हजारों श्रद्धालु

चमोली: उच्च गढ़वाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकालीन अवकाश के बाद शनिवार (1 जून) से फिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. शनिवार (01 जून) सुबह नौ बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. शुक्रवार (31 मई) को सुबह आठ बजे गोविंदघाट से पंज प्यारों की अगुवाई में रवाना हुआ तीर्थयात्रियों का जत्था देर शाम घांघरिया पहुंचा. पहले जत्थे में करीब आठ हजार तीर्थयात्री शामिल हैं. 

पहले जत्थे को शुक्रवार को गोविंदघाट गुरुद्वारा में अखंड पाठ के बाद वहां से हेमकुंड साहिब के लिए रवाना किया. गोविंदघाट से 21 किलोमीटर दूर हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर एक झील के किनारे स्थित है.

जानकारी के मुताबिक, सिखों के प्रसिद् धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट 01 जून को पूरे विधि विधान के साथ भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे. गुरुग्रंथ साहिब को पंच प्यारों की अगुवाई में सच्च खण्ड से दरवार हॉल में लाया जाएगा, जहां पहली अरदास के साथ सुखमनी साहिब के पाठ तथा शब्द कीर्तन किया जाएगा. उसके बाद दोपहर में दूसरी अरदास के साथ हुकम नामा लिया जाएगा और श्री हेमकुंड साहिब का इतिहास भक्तों को बताया जाएगा.
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गोविन्द घाट से करीब 21 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई के बाद 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित तीर्थस्थल हेमकुण्ड साहिब पहुंच जाता है. गोविन्द घाट से पुलना तक 3 किलामीटर की दूरी वाहन से और बाकी पैदल ही तय करनी पड़ती है. हिमालय की चोटियों के बीच में स्थापित सुन्दर एवं रमणीक तीर्थ स्थल हेमकुण्ड साहिब में एक विशाल सरोवर है, वहीं हेमकुण्ड गुरुद्वारा बनाया गया है, जहां सिख्खों के गुरु गुरुगोविन्द सिंह ने तपस्या की थी. 

 

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