आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान पर चुप नहीं रहेगा अमेरिका: ट्रंप

वर्जिनिया (अमेरिका) . लंबे इंतजार के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को लेकर नई यूएस नीति की घोषणा कर दी। ट्रंप ने अपने संबोधन में पाकिस्तान को भी चेतावनी दी और कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह बने रहने को लेकर अमेरिका चुप नहीं रह सकता है। ट्रंप ने कहा कि 16 साल से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की मौजूदगी आगे भी जारी रहेगी। यूएस राष्ट्रपति के मुताबिक, अगर सेना को तुरंत हटा लिया जाएगा तो इससे आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

पाकिस्तान को आतंकवाद का सुरक्षित ठिकाना मानते हुए ट्रंप ने कहा, 'पाकिस्तान अकसर अराजकता के एजेंटों, हिंसा और आंतकवाद को सुरक्षित पनाह देता रहा है। अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन का दर्जा पाए 20 संगठन अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सक्रिय हैं। पाकिस्तान अगर अफगानिस्तान में हमारी कोशिशों में हमारा साथ देता है तो उसके पास पाने के लिए बहुत कुछ होगा लेकिन अगर वह आतंकवादियों के लिए इसी तरह सुरक्षित ठिकाना बना रहा तो उसे इसका परिणाम भुगतना होगा।'

भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव को लेकर डॉनल्ड ट्रंप ने कहा, 'डर इसलिए भी है कि पाकिस्तान और भारत दोनों ही परमाणु संपन्न देश हैं। इन दोनों के बीच तनाव से संघर्ष बढ़ सकता है, और इसके युद्ध में बदलने की भी आशंका है।' ट्रंप ने अफगानिस्तान नीति की घोषणा के वक्त भारत से मदद भी मांगी। ट्रंप ने कहा, 'हम चाहते हैं कि युद्ध से ग्रस्त अफगानिस्तान क्षेत्र में भारत हमारी और मदद करे, खासतौर पर आर्थिक क्षेत्र में। हम भारत के साथ रणनीतिक भागीदारी चाहते हैं।'

 

डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि पहले वह अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान से हटाना चाहते थे लेकिन अब वह ऐसा नहीं चाहते। ट्रंप के मुताबिक, अगर वह ऐसा करते हैं तो यह इराक जैसी गलती करना होगा। ट्रंप ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर उनकी नीति भविष्य में स्थिति के हिसाब से बदल सकती है। बता दें कि 9/11 हमले के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं। तालिबान के खिलाफ अमेरिकी सैनिकों का अभियान आधिकारिक तौर पर साल 2014 में ही खत्म हो चुका है लेकिन अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज अभी भी अफगान सेना की मदद कर रही है।

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