आरे जंगल पर सियासी दंगल, आदित्य ठाकरे बोले- तानाशाही कर रही सरकार
मुंबई के आरे कॉलोनी के पेड़ों को काटे जाने को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी दंगल शुरू हो गया है. महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी फडणवीस सरकार को कठघरे में खड़ा किया है और करारा हमला बोला है. आजतक से खास बातचीत में शिवसेना के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि आरे कॉलोनी के पेड़ों को काटने का सरकार का फैसला तानाशाहीपूर्ण बर्ताव है.
आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘हम मेट्रो चाहते हैं. आरे कॉलोनी सिर्फ 2700 पेड़ों का मुद्दा नहीं हैं, बल्कि यह पूरा एक इकोसिस्टम का मसला है. आरे कॉलोनी मीठी नदी का मैदान भी है. अगर कल को यहां बाढ़ आती है, तो इसके लिए किसको ब्लेम किया जाएगा? यहां पर अवैज्ञानिक तरीका अपनाया जा रहा है.'
इस दौरान आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि अगर आपने कोर्ट में केस जीत लिया है, तो रात को ही पेड़ क्यों काट रहे हैं? आपने 2700 पेड़ों को काटने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को क्यों तैनात किया है? आप 21 साल के युवक को गिरफ्तार कर रहे हैं. यह मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड का शर्मनाक बर्ताव है.
उन्होंने कहा कि इकोसिस्टम को नष्ट करने वाले अधिकारियों को पीओके भेज देना चाहिए. ऐसे अधिकारियों को इकोसिस्टम नष्ट करने की बजाय पीओके को आतंकियों से छुटकारा दिलाने के काम में लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये अधिकारी अधिकारियों की तरह बर्ताव करने की बजाय नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि मुंबई के आरे कॉलोनी को लेकर दंगल मचा हुआ है. एक तरफ वो लोग हैं जो मुंबई में आरे कॉलोनी में लगे पेड़ों को बचाने के लिए जी जान लगाए हुए हैं, दूसरी तरफ सरकार है जो आरे कॉलोनी के ढाई हजार से ज्यादा पेड़ों को काटकर वहां पर मेट्रो परियोजना से जुड़ी पार्किंग शेड बनाना चाहती है. फिलहाल पेड़ काटने का सिलसिला चल रहा है और विरोध करने वालों को जेल भेज दिया गया है.
हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
इससे पहले लोग बॉम्बे हाईकोर्ट के दरवाजे इस उम्मीद के साथ पहुंचे थे कि हाईकोर्ट सरकार को आदेश दे दे कि आरे के पेड़ न काटे जाएं. मगर इसका ठीक उल्टा हुआ और हाईकोर्ट ने यह कहकर याचिका खारिज कर दी कि यह मामला पहले से ही एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट में है.
इधर हाईकोर्ट की टिप्पणी आई और उधर रातोंरात लड़ाई एकतरफा हो गई. आरे कॉलोनी में वर्दीधारियों की जमात इकट्ठा हो गई. आरियों के साथ पूरी फौज पहुंच गई और आरे के पेड़ो को काटने काम शुरू हो गया.
29 लोगों को भेजा गया जेल
इसके बाद पुलिस के सामने लोगों का आक्रोश फूट पड़ा था. एक एक टहनी को बचाने के लिए लोग पुलिस के सामने आ गए. शुक्रवार रात भर हंगामा चलता रहा. इस दौरान पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया. 29 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया.
इसके बाद गिरफ्तार लोगों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनको 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. अब मसला ये है कि जिन लोगों को जेल भेजा गया है, उनमें से कई स्टूडेंट हैं. उनकी आने वाले दिनों में परीक्षाएं हैं. अब मांग ये भी है कि स्टूडेंट्स को कम से परीक्षा देने के लिए रिहा किया जाए.