इस शहर में पानी बर्बाद करने से पहले सोचें, एक बूंद की कीमत आपको ऐसे चुकानी पड़ेगी

माउंट आबू: जल संकट का प्रभाव हिल स्टेशन माउंट आबू में दिखाई देने लगा, इसको लेकर प्रशासन ने जल के अपव्यय को रोकने सहित जल को संचय के लिए प्रयास प्रारम्भ कर दिए हैं. होटल्स में स्विमिंग पूल के उपयोग पर पाबंदी लगायी, बे वजह पानी को बर्बाद करने वालो के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए हैं.

पिछले वर्ष औसत से भी कम बारिश के कारण उभरे जल संकट का प्रभाव हिल स्टेशन माउंट आबू में दिखाई देने लगा है. यहाँ के मुख्य पेयजलापूर्ति के स्त्रोतों में अब मात्र डेढ़ स्टोरेज का पानी बचा है, तो एक मात्र पानी की सप्लाई के लिए बची नक्की झील भी शहर में की जाने वाली सप्लाई से सूखकर के बदसूरत नज़र आने लगी हैं लेकिन कुछ लोग हैं, जो इस जल संकट से जूझ रहे हिल स्टेशन में बे-जुबानों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था में लगातार कार्य कर रहे हैं. 

इसी क्रम में आम नागरिकों के लिए प्रशासन ने जल के अपव्यय को रोकने और जल संचय के लिए प्रयास प्रारम्भ कर दिए हैं. विद्यालयों में एक माह का अवकाश घोषित करवाने के साथ-साथ होटल्स में स्विमिंग पूल के उपयोग पर पाबंदी लगाई गई है. बे वजह पानी को बर्बाद करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है. वहीं पर इस स्थान पर रहने वाले बे-जुबानों के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं ने पानी के परिण्डे लगाने शुरू किए हैं. ख़ास बात यह है कि, इससे प्रेरित होकर के अब यहां पर आने वाले सैलानी भी इस पहल में जुड़ने लगे हैं. यहां देश-प्रदेश से आने वाले सैलानियों के द्वारा इन पुनीत कार्य मे सहयोग से अन्य लोगों को ऐसा करने की प्रेरणा मिल रही है.
 

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