उपचुनाव के बाद पंजाब कैबिनेट में फेरबदल संभव, भर सकती है सिद्धू की खाली सीट

चार विधानसभा उप चुनाव के नतीजों के बाद पंजाब कैबिनेट में फेरबदल होने के आसार हैं। इसके साथ ही नवजोत सिद्धू के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर भी नियुक्ति की जाएगी।
सूबे में मुकेरियां, फगवाड़ा, दाखा और जलालाबाद हलकों में 21 अक्तूबर को मतदान होना है, जिसका नतीजा 24 अक्तूबर को आएगा। उसके बाद पंजाब कैबिनेट में बदलाव संभव है।

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह इस कोशिश में हैं कि जिन वर्गों या ग्रुपों को पहले नजरंदाज किया गया, उन्हें इस बार एडजस्ट किया जाए। पिछली बार कैबिनेट विस्तार में एससी वर्ग, खासकर रविदास बिरादरी काफी नाराज थी।

इस बार फेरबदल में ऐसे सभी वर्गों को मौका मिलने के आसार हैं। इसके अलावा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि अगर किसी शहर में दो ग्रुप हैं तो वहां दोनों गुटों को ढाई-ढाई साल कैबिनेट में मौका दिया जाए ताकि किसी भी खेमे में नाराजगी न हो।
इसी नाराजगी को दूर करने के मकसद से कुछ समय पहले ही छह विधायकों को सीएम का सलाहकार नियुक्त किया गया था जिनमें कुशलदीप ढिल्लों, अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, संगत सिंह गिलजियां, इंदरबीर बोलारिया, कुलजीत नागरा और तरसेम सिंह डीसी शामिल हैं। इनमें डीसी को राज्यमंत्री और बाकी पांचों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था। ये लोग कैबिनेट के फेरबदल के समय परेशानी खड़ी कर सकते थे।

इस बार सीएम की ही चलेगी
कैबिनेट विस्तार के समय राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थे। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को उनकी मर्जी भी माननी पड़ी थी। राहुल के चलते ही सांसद रवनीत बिट्टू भारत भूषण आशू को मंत्री बनवाने में कामयाब हो गए थे।

लेकिन अब सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष हैं जिसके चलते सूबे की सियासत में कैप्टन मजबूत हैं। ऐसे में फेरबदल में पूरी तरह उनकी ही चलना तय है। हाईकमान की ओर से किसी भी तरह के दखल की उम्मीद नहीं है।

 

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