एक मंत्री पद मिलने से JDU नाराज, मोदी कैबिनेट में नहीं हुआ शामिल; CM नीतीश ने कही ये बात
पटना । बिहार के राजनीतिक गलियारे से यह बड़ी खबर है। जदयू नरेंद्र मोदी की सरकार में शामिल नहीं हुआ है। सीएम नीतीश कुमार की ओर से गुरुवार की देर शाम पार्टी अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इसकी घोषणा कर दी। बताया जाता है कि जदयू की ओर से मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में तीन से चार पद मांगे जा रहे थे। लेकिन भाजपा एक ही पद देने की बात कही। इसे लेकर जदयू खेमे में काफी मंथन हुआ और देर शाम इसकी घोषणा कर दी गई। हालांकि, जदयू एनडीए में बना रहेगा।
एनडीए में रहेंगे शामिल
सीएम नीतीश ने कहा कि हमलोग हर हाल में एनडीए के साथ हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव जदयू को मिला था, लेकिन सांकेतिक भागीदारी का प्रस्ताव पार्टी के नेताओं को पसंद नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि सांकेतिक रूप से सरकार बनाने में जदयू की कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार है और विकास के काम होते रहेंगे।
बताया जाता है कि जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में केवल एक पद दिया जा रहा था, जिस पर पार्टी के नेता तैयार नहीं थे। बाद में नीतीश कुमार के आवास पर मंथन हुआ। इसमें सीएम नीतीश के अलावा महासचिव केसी त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मुंगेर के सांसद ललन सिंह भी मौजूद रहे। इसके बाद मोदी मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल नहीं होने की घोषणा की गई।
दोपहर से शुरू हो गया था संशय
दरअसल, नरेंद्र मोदी की नई सरकार में जदयू के शामिल होने पर दोपहर से संशय शुरू हो गया था। इसकी पहली वजह मंत्रियों की संख्या थी। हालांकि, दो दिनों से चर्चा तेज थी कि जदयू कोटे से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। नाम भी सामने आने लगे थे। पहला नाम नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह का था, जबकि दूसरा मुंगेर के नवनिर्वाचित सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह का नाम था। बाद में केवल आरसीपी सिंह की चर्चा होने लगी। इस पर जदयू सहमत नहीं हुअा।
जदयू के 16 सांसद हैं बिहार में
गौरतलब है कि बिहार में छह सीटें जीतने वाली लोजपा को कैबिनेट में एक जगह मिल रही है, जबकि बिहार में जदयू के कुल 16 सांसद हैं। जदयू एनडीए में शिवसेना के बाद दूसरा बड़ा सहयोगी है। जदयू ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
पटना [जेएनएन]। बिहार के राजनीतिक गलियारे से यह बड़ी खबर है। जदयू नरेंद्र मोदी की सरकार में शामिल नहीं हुआ है। सीएम नीतीश कुमार की ओर से गुरुवार की देर शाम पार्टी अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इसकी घोषणा कर दी। बताया जाता है कि जदयू की ओर से मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में तीन से चार पद मांगे जा रहे थे। लेकिन भाजपा एक ही पद देने की बात कही। इसे लेकर जदयू खेमे में काफी मंथन हुआ और देर शाम इसकी घोषणा कर दी गई। हालांकि, जदयू एनडीए में बना रहेगा।
एनडीए में रहेंगे शामिल
सीएम नीतीश ने कहा कि हमलोग हर हाल में एनडीए के साथ हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव जदयू को मिला था, लेकिन सांकेतिक भागीदारी का प्रस्ताव पार्टी के नेताओं को पसंद नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि सांकेतिक रूप से सरकार बनाने में जदयू की कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार है और विकास के काम होते रहेंगे।
बताया जाता है कि जदयू को केंद्रीय मंत्रिमंडल में केवल एक पद दिया जा रहा था, जिस पर पार्टी के नेता तैयार नहीं थे। बाद में नीतीश कुमार के आवास पर मंथन हुआ। इसमें सीएम नीतीश के अलावा महासचिव केसी त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मुंगेर के सांसद ललन सिंह भी मौजूद रहे। इसके बाद मोदी मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल नहीं होने की घोषणा की गई।
दोपहर से शुरू हो गया था संशय
दरअसल, नरेंद्र मोदी की नई सरकार में जदयू के शामिल होने पर दोपहर से संशय शुरू हो गया था। इसकी पहली वजह मंत्रियों की संख्या थी। हालांकि, दो दिनों से चर्चा तेज थी कि जदयू कोटे से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। नाम भी सामने आने लगे थे। पहला नाम नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह का था, जबकि दूसरा मुंगेर के नवनिर्वाचित सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह का नाम था। बाद में केवल आरसीपी सिंह की चर्चा होने लगी। इस पर जदयू सहमत नहीं हुअा।
जदयू के 16 सांसद हैं बिहार में
गौरतलब है कि बिहार में छह सीटें जीतने वाली लोजपा को कैबिनेट में एक जगह मिल रही है, जबकि बिहार में जदयू के कुल 16 सांसद हैं। जदयू एनडीए में शिवसेना के बाद दूसरा बड़ा सहयोगी है। जदयू ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था।