कमिश्नर सूरत कोचिंग क्लास दुर्धटना पर गंभीर, भोपाल में कोचिंग और छात्रावासों की व्यवस्थाऍ जॉचने 

भोपाल । कमिश्नर श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने सूरत कोचिंग दुर्घटना को गंभीरता से लेते हुए भोपाल जिले में संचालित सभी शासकीय और निजी कोचिंग संस्थाओं सहित छात्रावासों में बच्चों की सुरक्षा तथा हित में की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में 4 टीमों का गठन कर 3 दिन में 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की है।
कमिश्नर श्रीमती श्रीवास्तव द्वारा आज जारी आदेश में संस्थान के भवन में बिल्डिंग और फायर सुरक्षा की व्यवस्था, आपदा प्रबंधन की मौजूदा स्थिति और आपदा से निपटने के उपाय, संस्थान में साफ-सफाई, आपातकालीन द्वार की स्थिति, मुख्य द्वारा पर वेरियर की व्यवस्था, लिफट की स्थिति, संस्थान में आने-जाने के समय का निर्धारण, पीने का पानी और प्रसाधन की व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, तथा जनरेटर की सुविधा, सुरक्षा गार्ड की तैनाती, सभी मानक अनुमतियों के अलावा बच्चों के हित में अन्य जरूरी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। 
पहली टीम में एम.पी.नगर जोन-2 एवं मान सरोवर काम्पलेक्स के लिए संयुक्त कलेक्टर सुधीर नायर के नेतृत्व में सहायक आयुक्त नगर निगम अक्षत बुंदेला, प्रभारी फायर स्टेशन नगर निगम इफतेयार खान एवं सुधीर खाडेकर उप संचालक पंचायत आयुक्त्कार्यालय भोपाल को शामिल किया है। 
दूसरी टीम में एम.पी.नगर एस.डी.एम. राजेश गुप्ता, संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा राजीव सिंह तोमर, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण अवनीश चतुर्वेदी एवं मयंक वर्मा अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम भोपाल की टीम एम.पी.नगर जोन-1,मालवीय नगर तथा न्यू मार्केट के संस्थानों की जॉच करेंगे।
निरीक्षण के लिए बनाई गई तीसरी टीम में डिप्टी कलेक्टर शाश्वत मीना, जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र शर्मा, फायर स्टेशन प्रभारी साजिद खान और अपर आयुक्त्नगर निगम राजेश राठौर इंद्रपुरी, सोनागिरी,अवधपुरी और रायसेन रोड के संस्थानों में निरीक्षण करेंगे ।
अशोका गार्डन,बैरागढ और करोंद के संस्थानों की जॉच के लिए उपायुक्त राजस्व श्रीमती संजू तिवारी, एसडीएम गोविंदपुरा मनोज उपाघ्याय, सहायक श्रमायुक्त श्रीमती जास्मीन एवं सहायक आयुक्त नगर निगम सी वी मिश्रा की टीक जॉच करेगी। सभी टीमों को 3 दिन में कलेक्टर भोपाल को रिपोर्ट सौंपकर 15 दिवस में आवश्यक  व्यस्थाऍ सुनिश्चित कराने के अलावा संस्थान संचालकों से अभिकथन भी प्राप्त करने के निर्देश दिए गए है। 

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