करंट दुर्घटनाएं रोकने बिजली कंपनी के निर्देश
जबलपुर। करंट से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सुरक्षा संबंधी मापदंड अपनाएं। विद्युत वितरण कंपनी ने आम जनता से कहा कि करंट से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए आम जनता को जागरूक होना पड़ेगा। इस संबंध में कंपनी ने सुरक्षा संबंधी मापदंड जारी किए हैं, जिसे अपनाकर दुर्घटना से बचा जा सकता है।
बिजली कंपनी का कहना है कि अपने आवासीय परिसर अथवा स्थापनाओं से विद्युत लाइनों की दूरी नियमानुसार होनी चाहिए। निम्नदाब और मध्यदाब स्थापनाओं में प्रायः व्यक्ति विद्युतमय चालक के सीधे सम्पर्क में आता है, जबकि उच्च दाब स्थापनाओं में वह विद्युतमय चालक से सीधे सम्पर्क में आने के पूर्व ही फ्लेश ओव्हर डिस्टेंस में आने से स्पार्क हो कर झुलस जाता है। इस प्रकार दुर्घटना का घातक तथा गैर घातक होना दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के ‘‘डिग्री आफ बर्न्स’’ पर निर्भर रहता है।
अर्थिंग का रखें विशेष ध्यान……
बिजली कंपनी का कहना है कि निम्नदाब अथवा मध्यदाब स्थापनाओं में सुरक्षा के लिए साधारणतया केवल फ्यूज लगाए जाते हैं। साधारण फ्यूज अपनी क्षमता से अधिक करंट बहने पर ही गर्म हो कर पिघल जाता है, इसमें कुछ समय लगता है और यही समय ‘‘दुर्घटनाग्रस्त’’ होने के लिए घातक सिद्ध होता है। लेकिन अर्थिंग सही हो तो फ्यूज अतिशीघ्र उड़ जाता है। इसी कारण से विद्युत स्थापनाओं में अर्थिंग व्यवस्था अति महत्वपूर्ण हो जाती है। घरेलू स्थापनाओं में दुर्घटनाएं मुख्यतः वायरिंग एवं फिटिंग में खराबी आने से तथा उपकरणों में खराबी आने से लीकेज या शार्ट-सर्किट के कारण होती है। इसलिए आईएसआई मार्क के उपकरण ही उपयोग में लाएं।
सुरक्षा पर विशेष ध्यान ……
विद्युत वितरण कंपनी ने आम लोगों को विद्युत सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान देने को कहा है। कंपनी ने कहा है कि भवन निर्माण, कालोनी के निर्माण और रोड के विस्तार के दौरान अक्सर यह देखने में आया है कि बिजली के खम्बों को सड़क
के बीच में खड़ा कर दिया जाता है या कालोनी के विद्युतीकरण के दौरान कालोनाइज़र अपनी सुविधा से बिजली के खम्बों को लगा देता है तथा सड़क विस्तार के दौरान सड़क को ऊंचा कर दिया जाता है। इस दौरान विद्युत सुरक्षा के मापदण्डों का ध्यान नहीं रखा जाता है। फलस्वरूप दुर्घटना की आशंका बनी रहती है और कभी-कभी दुर्घटनाएं हो भी जाती है। इस संबंध में विद्युत अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।