करतारपुर कॉरिडोरः अनुच्छेद 370 के बाद पाक की सुस्ती, नहीं बनाया पुल, सड़क से जाएंगे श्रद्धालु

गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर के लिए श्रद्धालुओं के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 20 अक्तूबर से शुरू होने की उम्मीद है। अधिकारियों के मुताबिक, ‘जीरो प्वाइंट’ तक जाने वाला फोर लेन हाईवे बनकर तैयार होने वाला है लेकिन सीमा पार से काम की गति काफी धीमी है। पाकिस्तान के लिए 31 अक्तूबर की डेडलाइन तक काम खत्म करना बड़ा चुनौती होगी।
गौरतलब है कि आठ नवंबर को पीएम मोदी औपचारिक तौर पर करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। भारतीय लैंड पोर्ट अथॉरिटी के चेयरमैन और गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से निर्माण कार्य की गति काफी धीमी है। भारत की ओर से साफ देखा जा सकता है कि फोरलेन हाईवे से जोड़ने वाली सड़क और पुल का निर्माण अब तक नहीं हुआ है।

हालांकि पाक की ओर से आश्वस्त किया गया है कि वह समय के अंदर इसका निर्माण कर लेगा। गोविंद मोहन ने कहा कि जीरो प्वाइंट तक पाकिस्तान की ओर से पुल का निर्माण नहीं होने पर सूखे दरिया के बीच एक वैकल्पिक सड़क बनाई गई है। पाक की ओर से श्रद्धालुओं को जीरो प्वाइंट से ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराया जाएगा और वापस भी छोड़ा जाएगा। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने यह सुस्ती जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से दिखाई है।

टर्मिनल में ठहर सकते हैं पांच हजार श्रद्धालु
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने बताया कि भारत ने श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को आठ नवंबर को पाकिस्तान जाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने दावा किया कि भारत की ओर से 80 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। फोरलेन हाईवे और स्टेट ऑफ द आर्ट पैसेंजर टर्मिनल का बाकी काम अक्तूबर अंत तक पूरा हो जाएगा। इस टर्मिनल में पांच हजार श्रद्धालु ठहर सकते हैं।

श्रद्धालुओं से 20 डॉलर वसूलने पर बातचीत जारी
मोहन ने कहा कि श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का शुल्क वसूलने के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा प्रतिदिन श्रद्धालुओं के समय (प्रवेश और बाहर निकलना) को लेकर भी बात हो रही है। श्रद्धालुओं को वीजा की कोई जरूरत नहीं होगी, लेकिन उन्हें पासपोर्ट पास रखना होगा।

डेडलाइन तक करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कर पाना चुनौती
भारतीय लैंड पोर्ट अथॉरिटी (एलपीआईए) के चेयरमैन और गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने दावा किया है कि करतारपुर कॉरिडोर का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में यहां म्यूजियम, क्लॉक टावर आदि काम शुरू किया जाएगा। हालांकि अभी कितने लोगों का जत्था पाकिस्तान जाएगा, उसका समय, परमिट संबंधी अभी कुछ भी तय नही हुआ है।
उनके मुताबिक पैसेंजर टर्मिनल में हवाई अड्डे जैसी सुविधाएं होंगी। इसमें फूड कोर्ट, बैठने की जगह, बैंकिंग और 200 गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होगी। टर्मिनल पर कुल 55 इमिग्रेशन काउंटर बनाए गए हैं। वहीं फेंसिंग के ऊपर भारत की ओर से पुल का निर्माण कार्य भी चल रहा है। वहीं इस संबंध में निर्माण कार्य से जुड़े जानकारों का कहना है कि इस काम के लिए दिन-रात एक करके भी समय पर कार्य पूरा करना बड़ी चुनौती है।

डेडलाइन तक केवल स्ट्रक्चर और उसमें नाममात्र की कुछ सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि बाहर का ढांचा तैयार करने में इतना समय नही लगता, जितना उसे अंदर से पूरी तरह तैयार करने में लगता है।

बाथरूम, सीलिंग, चेक पोस्ट सहित कई अन्य काम समय के साथ-साथ चलते रहेंगे। वहीं एलपीआईए की ओर से मीडिया को वहां टर्मिनल के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। मीडिया से कहा गया कि वहां निर्माण कार्य चल रहा है जिससे वे चोटिल हो सकते हैं। केवल प्रजेंटेशन के जरिए टर्मिनल के नक्शे दिखाए गए।
करतारपुर कॉरिडोर पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध, खुफिया एजेंसियां सतर्क
करतारपुर कॉरिडोर पर बेशक दोनों तरफ काम चल रहा है। लोगों को दर्शन करने के लिए भी आराम से सरहद पर बिछीं तारों के करीब भेजा जा रहा है। लेकिन भारतीय एजेंसियां और बीएसएफ पूरी तरह से मुस्तैद और चौकन्नी है। बीएसएफ के जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हैं। इंटेलिजेंस की तरफ से हर संदिग्ध पर नजर रखी जा रही है।

कौन कितनी बार करतारपुर कॉरिडोर के दर्शन करने आया। काम करने वाले कारीगरों का रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है। इंटरनेट पर क्या गतिविधि हो रही है, इस पर भी नजर है। गौर रहे कि हाल ही में कुछ दिन पहले करतारपुर कॉरिडोर की फोटो खींच कर पाकिस्तान भेजने वाले एक युवक को पैसों के बदले जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद से सभी एजेंसियां बेहद सतर्क हो गई हैं।

डीआईजी राजेश कुमार ने इस बारे में बताया कि रावी नदी में भी 13 ऐसी जगह हैं, जहां तारे नहीं लगी हैं लेकिन जवानों को दोनों तरफ तैनात कर बीच में नाव से नजर बनाई जा रही है। जवानों को आदेश दिए गए हैं कि रात के समय कोई भी सरहद के करीब दिखे तो उसे निशाना बना दो। उन्होंने कहा कि बीएसएफ सरहद की सुरक्षा बहाली के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।

 

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