कश्मीर में महिला पत्थरबाजों से निपटेगी महिला बटालियन

जम्मू-कश्मीर में महिला पत्थरबाजों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय महिला रिजर्व बटालियन तैयार करने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अशांत घाटी में पांच दिनों के बंद के बाद शैक्षणिक संस्थान 24 अप्रैल को खुले थे।
 
इसके बाद श्रीनगर का दिल कहे जाने वाले लाल चौक पर स्कूली छात्राएं सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी करती हुई देखी गईं। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार सरकार ने यह पहल की है। ये पुलिसकर्मी देश के पांच भारत रिजर्व बटालियनों का हिस्सा होगी, जिनके गठन के लिए केंद्र सरकार पहले ही अनुमति दे चुकी है। इन बटालियनों के लिए भर्ती प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और कश्मीर के एक लाख 40 हजार से ज्यादा युवाओं ने पांच हजार पदों के लिए आवेदन किया है।

विशेष महिला बटालियन को कानून व्यवस्था से जुड़ी अन्य जिम्मेदारियां भी सौंपी जाएंगी मगर इसमें शामिल सुरक्षा बलों की पहली जिम्मेदारी पत्थरबाजों से निपटने की होगी। अधिकारी ने कहा कि करीब छह हजार आवेदन महिलाओं से मिले।

इसलिए यह तय किया गया कि सिर्फ महिला आवेदकों से ही एक बटालियन बनाई जाए। प्राप्त हुए आवेदनों में लगभग 40 फीसदी आवेदन घाटी से हैं। उन्होंने कहा कि यह काफी उत्साहजनक है क्योंकि एक पद के लिए लगभग 30 आवेदन आए हैं।

भारतीय रिजर्व बटालियन बनाने का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है। इसमें लगभग 60 फीसदी पद सीमावर्ती जिलों के प्रतिभागियों के माध्यम से भरे जाएंगे। प्रत्येक बटालियन को बनाने का खर्च लगभग 61 करोड़ रुपये आएगा जिसका 75 हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी। सामान्य तौर पर भारतीय रिजर्व बटालियन के जवानों को उनके ही राज्यों में लगाया जाएगा मगर आवश्यकता पड़ने पर उन्हें दूसरे स्थानों पर भी भेजा जा सकता है। 

वर्तमान में देश में कुल 144 भारत रिजर्व बटालियन हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर में पांच बटालियन बनाए जाने के साथ चार-चार आईआरबी आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में और 12 नक्सल प्रभावित राज्यों में बनाए जाएंगे। इस मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए घोषित किए गए 80 हजार करोड़ रुपये के विकास पैकेज की समीक्षा के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में चर्चा की।

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