कॉरिडोर के रास्ते खालिस्तान मुहिम को हवा देगा पाकिस्तान, खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट

पाकिस्तान करतारपुर कोरिडोर के रास्ते पंजाब में एक बार फिर खालिस्तान मुहिम को हवा देने की योजना बना रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने केंद्र और पंजाब सरकार को पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई द्वारा खालिस्तान समर्थक आतंकियों को साथ लेकर रची जा रही साजिश के प्रति आगाह किया है।
पाकिस्तान की इन कोशिशों को गंभीरता से लेते हुए भारत ने पंजाब में राज्य पुलिस समेत केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों का एक संयुक्त काउंटर ऑपरेशन सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया, जिसके तहत सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां परस्पर तालमेल बनाकर पाकिस्तान की साजिश को नाकाम करेंगी।

सूत्रों के अनुसार, पंजाब में पाकिस्तानी आतंकी संगठनों द्वारा हथियारों के एयर-ड्रॉपिंग और ड्रोनों के जरिए घुसपैठ की घटनाओं के बाद नई दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में संयुक्त काउंटर ऑपरेशन सेंटर स्थापित करने संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है।

इस संयुक्त काउंटर ऑपरेशन सेंटर में नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए), रिसर्च एंड अनेलेसिस विंग, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और केंद्रीय गृह मामलों के मंत्रालय (एमएचए) के अलावा पंजाब के अधिकारी शामिल होंगे, जो आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन चलाएंगे और पंजाब में सीमापार से आतंकी घुसपैठ के प्रयासों को निष्क्रिय करेंगे।
इस संबंध में एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने पंजाब के डीजीपी के अलावा एनआईए, आर एंड एडब्ल्यू, आईबी और एमएचए के शीर्ष अधिकारियों से कहा है कि वे एक समयबद्ध एक्शन प्लान तैयार करें। खुफिया एजेंसियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पाकिस्तान यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को कट्टरपंथियों द्वारा खालिस्तान समर्थक अभियान से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे।

एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे संगठनों ने अपने अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने की योजना बनाई है। खास बात यह है कि एसएफजे को पाकिस्तान स्थित उसके आकाओं द्वारा पंजाब में स्थानीय आतंकवादियों को पैसा और तार्किक सहायता प्रदान करने के लिए विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए समर्थन दिया जा रहा है।

खुफिया एजेंसियों ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान प्रतिबंधित संगठनों-खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ), खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) को पुनर्जीवित और सक्रिय करने के प्रयास भी कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, संयुक्त काउंटर ऑपरेशन सेंटर की स्थापना आगामी 9 नवंबर से पहले हो जाएगी। दरअसल, खुफिया एजेंसियों का मानना है कि 9 नवंबर को बहुप्रतीक्षित करतारपुर कोरिडोर खुलने के साथ ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई जोकि पंजाब में आतंकवाद को फिर से हवा देना चाह रही है, के सक्रिय होने की आशंका है।

इसे देखते हुए खुफिया जानकारियों को एकत्र करने के लिए उक्त ऑपरेशन सेंटर एक नोडल एजेंसी की तरह काम करेगा और किसी भी तरह के सुरक्षा ऑपरेशन के लिए कमांड रूम का जिम्मा भी संभालेगा।

पाक स्थित कई गुरुद्वारों में खालिस्तान का प्रचार
खुफिया सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान में कई गुरुद्वारों का इस्तेमाल अब भी खालिस्तान समर्थक अभियान को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है और उन्होंने पाकिस्तान के कुछ गुरुद्वारों में सिख रेफरेंडम 2020 के समर्थन में पर्चे बांटे गए हैं।

उल्लेखनीय है कि अवतार सिंह पन्नू और गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व में एसएफजे ने एक अलग खालिस्तान राज्य के साथ-साथ एक ऑनलाइन अलगाववादी अभियान रेफरेंडम 2020 शुरू किया हुआ है, जिसका पंजाब सरकार द्वारा जोरदार विरोध किया जाता रहा है। पंजाब पुलिस ने एसएफजे और उसके सदस्यों के खिलाफ 10 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जबकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी एक मामले में जांच कर रही है।

 

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