कोरोना के कहर के चलते बिहार में बाढ़ सुरक्षा कार्यों पर लगा ग्रहण, 15 मई तक योजनाएं पूरी होने पर संशय
कोरोना के कारण बिहार में बाढ़ सुरक्षा कार्यों पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है। इसके कारण इस साल बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य काफी प्रभावित हुए हैं। चयनित 298 कटाव निरोधक योजनाओं का तय समय 15 मई तक पूरा करना जल संसाधन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। वह भी जब विभाग के बड़े अधिकारी से लेकर कई कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में हैं। मजदूरों का संकट भी बरकरार है। नेपाल में लॉकडाउन के कारण भी कार्य प्रभावित है। नेपाल छोर पर जाने के लिए मजदूरों को रोज आटीपीसीआर टेस्ट कराना पड़ता है।
15 मई तक पूरी करनी हैं 298 योजनाएं
जल संसाधन विभाग ने इस वर्ष बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए 298 कटाव निरोधक योजनाओं का चयन किया है। बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य जनवरी से ही शुरू है। सभी योजनाओं को 15 मई तक पूरा करने का लक्ष्य हर साल रहता है। हालांकि यह व्यवस्था तीन साल पहले से ही शुरू हुई है। इसके पहले बाढ़ निरोधक कार्य 15 जून तक होते थे। व्यवस्था में यह बदलाव भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और वर्षा के समय में बदलाव के कारण हुआ है।
मात्र 25 योजनाएं ही अब तक पूरी
बाढ़ से बचाव के लिए चयनित योजनाओं में सबसे अधिक समस्तीपुर जोन की योजनाएं हैं। इस जिले में बाढ़ से बचाव के लिए 77 कटाव निरोधी कार्य किये जाने हैं। सबसे कम 18 योजनाएं पटना जिले की हैं। वीरपुर जोन में 67, मुजफ्फरपुर जोन में 57, कटिहार जोन में 41 और गोपालगंज जोन में 41 कटाव निरोधक कार्य चल रहे हैं। अप्रैल खत्म होने तक सिर्फ 25 योजनाओं को को पूरा किया जा सका है। 184 योजनाओं का काम आधा से ज्यादा हो चुका है। लेकिन, 87 योजनाओं का कार्य अभी आधा से भी कम हो सका है। विभाग के पास अब काम पूरा करने को मात्र 15 दिन शेष हैं।
अधिकारी, ठेकेदार व मजदूर संक्रमित
इस बीच मुख्यालय के साथ इन सभी जोन में कई अधिकारी व इंजीनियर संक्रमित हो गये हैं। खास बात यह है कि विभाग के सचिव संजीव हंस के साथ मंत्री के निजी सचिव कोरोना से संक्रमित होकर होम क्वारंटाइन में हैं। साथ में मुख्यालय चीफ इंजीनियर की पूरी टीम संक्रमित है। फ्लड मॉनीटरिंग डिवीजन के तीन एक्जिक्यूटिव इंजीनियर के अलावा मुजफ्फरपुर बाढ़ नियंत्रण के चीफ इंजीनियर संक्रमित हैं। अधिकारियों के अलावा विभिन्न जोन में कई संवेदक और मजदूर भी पॉजीटिव हो गये हैं। जो इंजीनियर स्वस्थ हैं, वह ओवरटाइम काम कर रहे हैं।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग से हो रही समीक्षा
कोरोना के कारण ही विभाग के मंत्री संजय कुमार झा भी स्थल निरीक्षण कर काम की मॉनिटरिंग नहीं कर पा रहे हैं। प्रगति की समीक्षा के लिए उन्हें वीडियो कांफ्रेंसिंग का सहारा लेना पर रहा है। इंजीनियरों को भी स्थल निरीक्षण के लिए एक साथ नहीं जाने का निर्देश है। लिहाजा बारीकी से निगरानी कठिन है। पहले मंत्री ने अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर वीरपुर और मुजफ्फरपुर जोन में योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की थी। उसके बाद संक्रमण बढ़ने से कार्यशैली बदलनी पड़ी।
इस संबंध में अभियंता प्रमुख (बाढ़) राजेश कुमार ने बताया कि परेशानी तो है, लेकिन काम समय पर पूरा हो जाएगा। कई योजनाएं पूरी हो गई हैं। जेा अधूरी हैं, उनका भी काम 15 मई के पहले पूरा हो जाएगा। अभी मेरे पास 15 दिन का समय है।