खुशखबरीः गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में सुशोभित होगा दुनिया का सबसे बड़ा खंडा साहिब
गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में विश्व का सबसे बड़ा खंडा साहिब सुशोभित होगा। गुरुद्वारे के ठीक पीछे 100 फुट ऊंचे प्लेटफार्म का निर्माण कर उसके ऊपर खंडा साहिब के निर्माण का काम पूरा हो गया है। खंडा का निर्माण स्थल इस ढंग से बनाया गया है कि गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु जब पवित्र परिक्रमा के दर्शन करेंगे तो उन्हें खंडा साहिब के भी दर्शन होंगे। इसके आसपास के एरिया को संगमरमर से सजाया गया है।
गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के मुख्य भवन के पीछे निर्मित एक सड़क की कुछ दूरी पर बनाए गए इस खंडा साहिब के दर्शनों को भी दर्शन स्थल तक जाने की इजाजत होगी। इसके साथ ही गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के मुख्य भवन के नजदीक 150 फुट ऊंचे निशान साहिब को भी सुशोभित किया गया है। निशान साहिब के लिए संगमरमर का बड़े और नए प्लेटफार्म का निर्माण किया गया है।
साथ ही गुरुद्वारे के मुख्य भवन से कुछ दूरी पर एक विशाल सरोवर का निर्माण भी किया गया है। पाकिस्तान सरकार ने इसे स्मार्ट सरोवर का नाम दिया है। इस सरोवर में एक लाख 25 हजार गैलन पवित्र जल संभालने की क्षमता होगी। सरोवर के पवित्र जल की शुद्धता के तीन फिल्टर प्रणाली काम करेंगे। दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालु इस पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के साथ-साथ जल को अपने घरों में भी ले जा सकेंगे।
पाकिस्तान सरकार ने इस सरोवर के साथ महिलाओं और पुरुषों के स्नान के लिए दो अलग-अलग हिस्से बनाए हैं। सरोवर का पवित्र जल बैक्टीरिया और फंफूदी मुक्त होगा। सरोवर के बेस से लेकर ऊपरी सतह तक 11 सीढ़ियों का निर्माण भी किया गया है। सरोवर के चारों तरफ ग्रीन इटालियन मार्बल लगाया है। इतिहासकार शाहिद शब्बीर द्वारा करतारपुर साहिब के आसपास के पूरे हो चुके निर्माण कार्यों की फोटो जारी की है।
करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते में लगे पंजाबी-इंग्लिश के साइन बोर्ड
पाकिस्तान सरकार ने दोनों देशों को विभाजित करने वाले इंटरनेशनल बॉर्डर की कुछ दूरी पर पंजाबी और उर्दू में बड़े-बड़े बोर्ड स्थापित किए हैं। दोनों देशों को विभाजित करने वाले रावी दरिया के ऊपर बनाए गए फ्लाईओवर में दरिया का साइन बोर्ड स्थापित किया गया है। इससे कुछ ही दूरी पर पंजाबी और इंग्लिश में एक बड़ा साइन बोर्ड लगाया गया है, जिसमें लिखा है ‘गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर पहुंचने पर स्वागत’। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर लैंडस्केपिंग भी की जा रही है।