गांधी जी अपने विचारों के साथ आज भी हमारे बीच है: टंडन
राज्यपाल श्री लाल जी टंडन ने कहा है कि महात्मा गांधी भारतीयता में रचा-बसा व्यक्तित्व है। कभी भी ऐसा प्रतीत नहीं होता कि वे हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गांधी अपने विचारों के साथ आज भी हमारे साथ हैं। आवश्यकता उन्हें समझने और उन पर चलने की है। उन्होंने बताया कि युवाओं, बच्चों को गांधी जी के विचारों से परिचित कराने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और स्कूलों में गांधी साहित्य का वाचन कराया गया है। राज्यपाल आज गांधी भवन में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। प्रारम्भ में श्री टंडन ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने समाधि स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उन्हें भी नमन किया गया।
राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि गांधी जी का राजनीतिक संघर्ष, सामाजिक सुधार और जीवन त्याग एवं बलिदान की प्रेरणा देता है। उनका मानना था कि बुराई के साथ समझौता करना कायरता है । उन्होंने कहा कि गांधीजी ने जीवन के मूल मंत्र मानव की समानता और दूसरों के सुख के लिए त्याग का मंत्र दिया है। उन्होंने कहा कि गांधी जी आजादी के संघर्ष के बीच भी नियमित रूप से प्रार्थना सभा में शामिल होते थे। यदि हम आज अपनी दैनिक दिनचर्या में प्रार्थना और गांधी साहित्य का अध्ययन शामिल कर लें तो हम अपने जीवन में बड़ा बदलाव कर सकते हैं। जब भी अंधकार में मार्ग की तलाश करेंगे तो महात्मा गांधी के विचार प्रकाशपुंज की तरह हमारा मार्गदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने दुनिया को सुख, समृद्धि का रास्ता बताया है। शुद्ध, नैतिक और चरित्रवान जीवन जीने का तरीका दिखाया है।
राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित प्रार्थना सभा कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किये। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार भावना प्रजापति को, द्वितीय सोनिया सोनी, तृतीय निहारिका और चतुर्थ करीना को प्रदान किया गया। चित्रकला के लिए प्रथम पुरस्कार रिया जैन को, द्वितीय खुशी मणि और तृतीय पुरस्कार सुनयना को प्रदान किया गया।