गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की पूर्वोत्तर यात्रा ला रही है शांति की सुगंध

उत्तर-पूर्व में शांति निर्माण की प्रक्रिया पर दूरगामी प्रभाव होने की संभावना लाते हुए विश्व प्रसिद्ध मानवतावादी और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर मंगलवार को गुवाहाटी में पहुंच रहे हैं। 

यात्रा के दौरान, गुरुदेव कई सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों में भाग लेंगे। वह अहिंसक और लोकतांत्रिक तरीके से क्षेत्र में आए मुद्दों का समाधान ढूँढने  के लिए समाज के सभी वर्गों के लोगों के साथ बातचीत करेंगे ताकि सब मिलकर सभी एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। बातचीत का एक आकर्षण होगा क्षेत्र में राय बनाने वालों और विचारकों के सम्मेलन में उनका मुख्य सम्बोधन।

विविधता में शक्ति : उत्तर पूर्व स्वदेशी जन सभा नामक इस विशिष्ट आयोजन में क्षेत्र के कई प्रमुख समवैचारिक व्यक्ति और समूह इसका हिस्सा बनेंगे। आयोजन में अलग अलग पहलुओं के प्रमुख एक मंच में साथ आएँगे, जिसमें वे भी लोग भी शामिल होंगे जो पहले कभी हथियार उठा चुके हैं, और  बहस एवं चर्चा द्वारा शांति प्रक्रियाओं के विभिन्न हितधारकों के बीच आए अंतर को दूर करने और विश्वास की कमी को कम करने का प्रयास करेंगे।

पूर्वोत्तर पर नजर रखने वाले आयोजन में गुरुदेव का संबोधन का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इसमें कई पूर्व भूमिगत नेताओं की उपस्थिति होगी, संयुक्त राष्ट्र मुक्ति मोर्चा (असम) के जनरल सचिव अनूप चेतिया संयोजक के रूप में सभा का नेतृत्व कर रहे हैं। अन्य प्रमुख नामों में त्रिपुरा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के पूर्व नेता, बिजॉय कुमार हंगखवल और असम की आतंकवादी संगठन दीमा हलम दाओगा के दिलीप नुनेसा शामिल हैं, जिन्होंने 2013 में हथियार डाले थे।

आयोजकों के अलावा नागालैंड के नेताओं का एक बड़ा दल भी सम्मेलन में शामिल हो सकता है, जिसमें एनएससीएन (आईएम) के पूर्व सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वी.एस. अटेम और एनएससीएन (आर) के वाँगटिन नागा और मणिपुर के शीर्ष नागरिक समाज के नेता जैसे मणिपुर संयुक्त समिति (यूसीएम) के अध्यक्ष  एलांबबाम जॉनसन और ऑल मणिपुर यूनाईटेड क्लब संगठन (एएमयूसीओ) के अध्यक्ष फ़ डेबानंद नंद  शर्मा।

अनुप चेतिया बताते हैं "हम ने गुरुदेव को इस सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया है क्योंकि वह प्रेम, समानता, मानवीय मूल्यों और करुणा के आधार पर लंबे समय से चल रहे संघर्षों को हल करने के लिए लोगों और समूहों को प्रेरित करने के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं" ।

द आर्ट ऑफ़ लिविंग संगठन के संजय कुमार, जिन्होंने इस क्षेत्र में कई संघर्ष-समाधान की पहल कराई है, ने बताया, "गुरुदेव का इन शीर्ष नेताओं को एक साथ लाने की पहल जो पहले सशस्त्र आंदोलनों से जुड़े हुए थे और उनको मुद्दों को सुलझाने के लिए संघर्ष संस्कृति छोड़कर शांतिपूर्ण तरीके अपनाने के रास्ते प्रशस्त करना क्षेत्र में शांति की प्रक्रिया को लाने का एक ऐतिहासिक अध्याय है।"

गुरुदेव क्षेत्र में शांति के लिए जोरदार प्रयास कर रहे हैं और हाल ही में मणिपुर के 68 आतंकियों के  मुख्य धारा में वापस आने में उनका बड़ा योगदान रहा था।

शांति के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाते हुए, गुरुदेव 'अदिभौतिक शांति सम्मेलन' में भी भाग लेंगे, और इस क्षेत्र में विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर पर्यावरण के अनुकूल होने के लिए आर्ट ऑफ़ लिविंग द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में शांति और सौहार्द के माहौल को लाने के लिए वे प्रार्थना करेंगे। हाल में असम में चल रहे बाढ़ राहत प्रयासों का भी वे पर्यवेक्षण करेंगे, जिससे प्रभावित इलाकों के 70,000 से अधिक लोगों को राहत मिली ।

असम के बाद, गुरुदेव अरुणाचल प्रदेश का दौरा करेंगे, जहां वे तवांग के भारत-चीन सीमावर्ती शहर में मैत्रेय दिवस समारोह में शामिल होंगे। वह अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे, जिनमें मंत्रियों, विधायकों और नौकरशाहों को सम्बोधित करेंगे।

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