घरेलू गैस की कीमतें बढ़ाने पर राज्यसभा में हंगामा

मोदी सरकार द्वारा घरेलू गैस की कीमतों में हर महीने 4 रुपये का इजाफा करने के फैसले के विरोध में विपक्ष ने राज्यसभा में खूब हंगामा किया. विपक्ष ने सरकार पर गरीबों को दी जाने वाली एलपीजी सब्सिडी खत्म करने की साज़िश का आरोप लगाया. सरकार ने मार्च 2018 तक एलपीजी पर दी जाने वाली सब्सिडी को हर महीने 4 रुपया कम करने का फैसला लिया है. सरकार इस कदम से एलपीजी पर सब्सिडी खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं.

विपक्ष के विरोध को खारिज़ करते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, सरकार के इस फैसले से गरीबों को मिल रही सब्सिडी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. प्रधान ने कहा, मोदी सरकार ने यूपीए सरकार के फैसले को ही लागू किया है. प्रधान ने कहा, 2010 में प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह ने घरेलू गैस की कीमतें समय समय पर बढ़ाने का फैसला लिया था. मोदी सरकार उस फैसले को बस लागू कर रही है.

आंकड़ों के मुताबिक फिलवक्त लगभग 18 करोड़ लोगों को सब्सिडी का लाभ मिलता था लेकिन इस फैसले के बाद अब ये संख्या काफी कम हो जायेगी. अब सिर्फ सरकार की नज़र में गरीब लोगों को ही सब्सिडी मिलेगी. सरकार का तर्क है कि सब्सिडी फिलहाल पूरी तरह ख़त्म नहीं होगी क्योंकि अगले साल तक फैसले के मुताबिक सिर्फ 32 रुपया ही कटौती होगी. क्या सब्सिडी पूरी तरह ख़त्म की जाये इस पर आखिरी फैसला अगले साल ही लिया जायेगा.

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