चश्मदीद इकराम ने किया खुलासा, कश्मीर में आतंकवादियों ने ऐसे की थी शरीफ खान की हत्या

भरतपुर. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में भरतपुर जिले के ट्रक ड्राइवर (Truck Driver) शरीफ खान (Shrief Khan) की हत्या और शोपियां (Shopian) में दो आतंकवादियों (Two Terrorists Attacked) के हमले का चश्मदीद इकराम खान बुधवार को सामने आया. इकराम ट्रक पर शरीफ के सहायक के रूप में वारदात के समय वहां मौजूद था. उसने बताया कि जब सोमवार रात को वो खाना बनाकर सोने जा रहे थे तभी दो आतंकियों ने हमला कर दिया. शरीफ खान भरतपुर जिले (Bharatpur District) के पहाड़ी थाना इलाके के उभाका गांव का रहने वाला था और इकराम हरियाणा का रहने वाला है. इकराम भी शरीफ के साथ कश्मीर (Jammu-Kashmir) सेब लेने गया था. सोमवार को शोपियां (Shopian) में दो आतंकवादियों (Two Terrorists Attacked) ने गोली मारकर शरीफ की हत्या कर दी थी जबकि इकराम वहां से जान बचाकर भागने में सफल रहा था.

जान बचाकर भागा इकराम, किसान के घर ली शरण
इकराम खान ने बताया कि कश्मीर के शोपियां में जिस वक्त आंतकियों ने ट्रक ड्राइवर शरीफ खान की हत्या की तब वह उसके साथ था. उसने बताया कि किस तरह आंतकियों ने जबरन शरीफ से ट्रक चलाने को कहा फिर वह जान बचाकर वहां से भागा और एक किसान के घर में शरण ली. इस दौरान आंतकियों ने शरीफ को गोलियों से भून दिया था.

आतंकियों के हमले से शरीफ की हत्या तक, इकराम की जुबानी पूरी कहानी

सोमवार रात इकराम खान और शरीफ खान दोनों साथ थे. इकराम खाना बनाकर ट्रक में लौट आया था और शरीफ ट्रक के पास ही मोबाइल पर अपने घरवालों से बात कर रहा था. तभी तभी दो आतंकवादी वहां आ गए. शरीफ पर हमला कर दिया. उसने आवाज लगाई कि फोन छीन रहे हैं. वह खुद का बचाता हुआ दौड़ा और उसके पीछे एक आतंकी भी दौड़ रहा था. तभी इकराम भी ट्रक से नीचे उतरा लेकिन वहां मौजूद एक आतंकी ने उसे पकड़ लिया और ट्रक में डाल दिया. शरीफ को भी पकड़कर ट्रक में डाल दिया और गाड़ी स्टार्ट करने को कहा. ऐसा नहीं करने पर गोली मारने की धमकी दी. इस बीच इकराम वहां से जान बचाकर भागने में कामयाब रहा. और नजदीक एक किसान के घर शरण ली. इकराम ने बताया कि कुछ देर बाद आतंकवादी शरीफ को सड़क पर ले गए और फिर गोलियां चलने की आवाज आईं. आधा घंटे बार किसान ने उसे घर से बाहर निकाल तो मौके पर पहुंचा. वहां पुलिस से शरीफ के बारे में पूछा तो पुलिस ने थाने में होने की बात कही. इकराम को भी थाने ले जाया गया. वहां शरीफ का शव पड़ा था.
शरीफ खान (Shrief Khan) का शव बुधवार सुबह मेवात में उसके पैतृक गांव उभाका पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर रास्ता रोक दिया. शरीफ के परिजनों के साथ ग्रामीणों ने प्रशासन के सामने 5 मांगें रखी हैं. आश्रित को सरकारी नौकरी, 50 लाख के मुआवजे के साथ मृतक शरीफ को शहीद का दर्जा देने की मांग की गई है. परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं कि मांग पूरी नहीं होने तक शव को सुपुर्द-ए-ख़ाक नहीं करेंगे.

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