चीन के सेंट्रल बैंक People’s Bank of China ने एक और भारतीय निजी बैंक में खरीदा हिस्सा-रिपोर्ट
नई दिल्ली. भारत में लगातार हो रहे चीनी सामान (China Products Boycott) के बहिष्कार के बीच एक बड़ी खबर आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना (The People's Bank of China) ने एक और निजी बैंक में हिस्सेदारी खरीदी है. हालांकि, बैंक की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. आपको बता दें कि पिछले साल मार्च में चीन के केंद्रीय बैंक ने एचडीएफसी (HDFC Bank) में अपना निवेश बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा किया था. तब इस पर काफी हंगामा भी हुआ था.
अब क्या होगा- बैंकिंग सेक्टर से जुड़े जानकारों का मानना है कि भारत का बैंकिंग सिस्टम काफी मज़बूत है. साथ ही, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI-Reserve Bank of India) भी बैंकों की सख्त निगरानी करता है. कोई भी नियम टूटने पर फौरन बैंकों पर जुर्माना लगाया जाता है.
चीन के हिस्सा खरीदने से भारतीय कंपनियों को क्या डर है? भले ही पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना की ओर से एचडीएफसी में किया गया निवेश ज्यादा नहीं था, लेकिन बाजार में इस बात को लेकर चिंता जताई जाने लगी थी कि आखिर चीनी कंपनियां कैसे कोरोना के चलते भारत के बाजार में गिरावट के दौर का लाभ उठा सकती हैं. इसीलिए भारतीय कंपनियों (Indian Companies) के जबरन अधिग्रहण के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार ने विदेशी निवेश (FDI-Foreign Direct Investment) के नियमों को सख्त कर दिया.
भारतीय कंपनियों का हो सकता है जबरन अधिग्रहण-अगर आसान शब्दों में कहें तो कोरोना वायरस की वजह से कई बड़ी और छोटी कंपनियों की मार्केट वैल्यू गिर गई है. ऐसे में उनका अधिग्रहण यानी ओपन मार्केट से शेयर खरीद कर मैनेजमेंट कंट्रोल हासिल किया जा सकता है. इसीलिए सरकार ने नियम सख्त किए है.