चीन ने रेगिस्तान में डिटेंशन कैंप बनाए, सरकार का दावा- हैं प्रशिक्षण शिविर

नई दिल्ली,  चीन पर आरोप है कि उसने झिजियांग प्रांत के रेगिस्तान में हजारों मुसलमानों को बिना किसी ट्रायल के डिटेंशन शिविर बनाकर कैद करके रखा है। हालांकि सरकार इस तरह के दावों के इनकार करती आई है उसका कहना है कि ये डिटेंशन कैंप नहीं बल्कि प्रशिक्षण शिविर हैं, जहां लोग आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता से लड़ने के लिए सीखने जाते हैं। 

बीबीसी ने अपने रिपोर्ट में सेटेलाइट चित्रों के विश्लेषण के जरिये इन रेगिस्तानों में कई शिविर होने का दावा किया है। सेटेलाइट चित्रों के मुताबिक जुलाई 2015 में दाबेनचेंग का रेगिस्तान वीरान पड़ा हुआ था। यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। पर 22 अप्रैल 2018 के चित्रों में दो किलोमीटर के दायरे में कई कैंप दिखाई दे रहे हैं। यहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दो किलोमीटर के दायरे में कुल 16 सुरक्षा गार्ड टावर बनाए गए हैं। 2017 के बाद इन शिविरों मे चेक प्वाइंट और गस्ती वाहनों की संख्या बढ़ गई है। अप्रैल 2018 के गूगल अर्थ पर दाबांचेंग इलाके के चित्र में भवन निर्माण के चित्र देखे जा सकते हैं। र्झिंजयाग प्रांत के रेगिस्तान में ऐसे कई जेलनुमा संरचनाओं को निर्माण किया गया है। 

भटके हुए लोगों को प्रशिक्षण का दावा 

विदेशी संवदादाताओं को स्थानीय दुकानदारों और होटल संचालकों ने बताया कि ये शिविर शैक्षिक प्रशिक्षण वाले स्कूल हैं। यहां पर हजारों वैसे लोगों को रखा गया है जो विचारों के तौर पर भटके हुए हैं। चीन द्वारा संचालित टीवी चैनलों पर इन शिविरों की बेहतरीन तस्वीरें पेश की गई हैं। चित्रों में अत्याधुनिक क्लासरूम दिखाया गया है जिसमें लोग प्रशिक्षण पा रहे हैं। हालांकि यह जानकारी नहीं है कि यहां पढ़ने के लिए कैसे छात्रों का चयन किया जाता है व उन्हें कितने समय के लिए रखा जाता है। 

फोटो लेने से रोका

बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस रेगिस्तान में अब नगर बस गया है। चार मंजिला इमारतें बन गई हैं। पर चीन की पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय संवाददाताओं को इन इमारतों का चित्र लेने से रोक दिया। पर इतना जरूर समझ में आया कि यहां ऐसी गतिविधियां चल रही हैं जो पूरी दुनिया को नहीं मालूम है। 

शिविर में निगरानी तंत्र 

इन शिविरों में झिजियांग प्रांत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को प्रशिक्षण दिया जाता है जो चीनी भाषा भी नहीं समझ पाते हैं। पर इन शिविरों में निगरानी टावर, गार्ड रूम और सर्विलांस सिस्टम देखकर कहानी कुछ और प्रतीत होती है।  

एक करोड़ उइगर मुस्लिम 

झिजियांग प्रांत में एक करोड़ से ज्यादा उइगर ( मुस्लिम) हैं। ये लोग तुर्की जुबान बोलते हैं। आमतौर पर उन्हें चीनी भाषा नहीं आती। चीन सरकार को ऐसी रिपोर्ट मिली है कि कई उइगर मुस्लिम सीरिया जाकर उग्रवादी समूहों में शामिल हो गए हैं।  पिछले चार सालों में चीन सरकार ने उइगरों पर ज्यादा सख्ती शुरू की है। चेहरा पहचानने वाले कैमरे, मोबाइल फोन का कंटेट पढ़ने वाले उपकरण और बायोमेट्रिक डाटा जुटाकर उनकी निगरानी की जा रही है।

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