चुनावी हार की समीक्षा को RJD की बैठक आज, तेज प्रताप व तेजस्वी पर भी उठेंगे सवाल
पटना । हालिया लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का सूपड़ा साफ होने के बाद पार्टी सकते में है। आरजेडी आज इस हार की समीक्षा अपनी हाई लेवल बैठक में करेगा। इस बीच पार्टी में कुछ नेता नेतृत्व के प्रति नाराजगी भरा बयान जारी कर चुके हैं। एक पार्टी विधायक ने सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की अनुपस्थिति में नेतृत्व करने वाले तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) से नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा तक मांगा है। उधर, जहानाबाद के पार्टी प्रत्याशी रहे सुरेंद्र यादव ने अपनी हार के लिए खुलकर लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को जिम्मेदार बताया है। इस पृष्ठभूमि में आरजेडी की आज की बैठक के हंगामेदार होनें के आसार हैं।
दो दिवसीय बैठक का आज पहला दिन
लोकसभा चुनाव में हार की वजहों की समीक्षा के लिए आरजेडी की दो दिवसीय बैठक का आज पहला दिन है। बैठक में यह जानने की कोशिश होगी कि हार के लिए कौन जिम्मेदार है। पहले दिन हारे हुए प्रत्याशियों और पदाधिकारियों तथा दूसरे दिन विधायकों से हार के कारण पूछे जाएंगे। बैठक राबड़ी देवी (Rabri Devi) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की अध्यक्षता में होगी।
असंतोष गहराने की आशंका
बैठक में नेता जो भी बोलें, पार्टी में नेतृत्व के प्रति असंतोष जाहिर हो चुका है। आरजेडी विघायक महेश्वर प्रसाद यादव (Maheshwar Prasad Yadav) ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करते हुए उनसे नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने धमकी भी दी है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं तो पार्टी में टूट होगी। उन्होंने पार्टी की कमान किसी सीनियर नेता के हाथों में सौंपने की बात कही है।
पार्टी नेता शिवानंद तिवारी सहित कई अन्य ने समय-समय पर तेज प्रताप यादव के बगावती तेवर को लेकर भी समय-समय पर नसीहत या नाराजगी भरे बयान दिए हैं। जहानाबाद के आरजेडी प्रत्याशी रहे सुरेंद्र यादव ने अपनी हार के लिए तेज प्रताप को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बैठक में इस मुद्दे को उठाने की बात कही है। अब चुनाव में पार्टी के शून्य पर आउट हो जाने के बाद असंतोष के गहराने की आशंका है।
तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल
लालू यादव के चारा घोटाले में सजा पाकर जेल में रहने के कारण चुनाव में नेतृत्व कर रहे उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव भी सवालों के घेरे में हैं। पार्टी के साथ महागठबंधन की साझा रणनीतियों में उनकी अहम भूमिका रही। ऐसे में आरजेडी खेमे में अहम सवाल तेजस्वी की कुशलता व नेतृत्व क्षमता को लेकर है।
सवालों में तेज प्रताप को ले दोहरी नीति
लोकसभा चुनाव के दौरान मंगनीलाल मंडल और अली अशरफ फातमी की दावेदारी छीन ली गई। उन्होंने आपत्ति जताई तो पार्टी से निकाल दिया गया। दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ खुलकर प्रचार किया और बयान दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पार्टी में यह दोहरी नीति भी चर्चा में रही है। जहानाबाद के आरजेडी प्रत्याशी रहे सुरेंद्र यादव ने अपनी हार के लिए तेज प्रताप को ही जिम्मेदार ठहराया है। तेज प्रताप ने सुरेंद्र यादव का खुलकर विरोध किया तथा उनके खिलाफ अपना उम्मीदवार भी खड़ा कर दिया। बैठक में तेज प्रताप के बयान व कार्य भी चर्चा में रहेंगे, यह तय लग रहा है।
तेज प्रताप के खिलाफ पार्टी के एक धड़े में गुस्सा
तेज प्रताप के खिलाफ पार्टी के एक धड़े में जबरदस्त गुस्से का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि पटना में मीसा भारती के चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ कार्यकर्ताओं ने 'मुर्दाबाद' के नारे तक लगा दिए थे।
अब पार्टी में फूट की आशंका
बैठक में जो भी हो, पार्टी में गहराते असंतोष को कम करना अहम जरूरत है। ऐसा नहीं हुआ तो आश्चर्य नहीं कि मानसून सत्र के पहले आरजेडी से बड़े पैमाने पर अतंतुष्ट नेताओं का दलबदल हो जाए, जैसा कि जदयू के एक बड़े नेता ने दावा किया है।