जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा के दलों को हाशिए पर धकेल रही केंद्र सरकार : उमर
जम्मू । नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नगालैंड जैसे कई राज्यों में दूसरे राज्यों के लोग आज भी जमीन खरीद नहीं सकते है। इन राज्यों में जमीन के मालिकाना हक से संबंधित विशेष कानूनी प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि जम्मू कश्मीर में ऐसा कानून बने रहने में किसी को क्या दिक्कत है? उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा के दलों को हाशिए पर धकेलने का प्रयास कर रही है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने सवाल किया कि जब हम इन कानूनों की बात करते हैं तो लोग हमें राष्ट्रविरोधी साबित करने का प्रयास करने लगते हैं। जब दूसरे राज्यों से विशेष प्रावधानों के लिए ऐसी आवाज उठती हैं, तो मीडिया में क्यों चर्चा नहीं होती? उन्होंने कहा कि ‘लड़ाई' हमारी पहचान और ‘हमारे भविष्य' की रक्षा को लेकर है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी भूमि और पहचान की रक्षा की लड़ाई में सभी दलों से साथ आने की अपील की।
उन्होंने सवाल किया कि दिल्लीवाले क्या चाहते हैं? क्या वे हमें मुख्याधारा से हटाना चाहते हैं। हम अपनी पहचान और जमीन की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों को उम्मीद थी कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। केंद्र ने कई कानूनों में संशोधन के जरिए देशभर के लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। नरेंद्र मोदी सरकार की नई भूमि नीति ने सात दशक पुराने भूमि सुधार को पलट दिया है।