जल्लीकट्टू को लेकर द्रमुक और सत्तारूढ़ दल के बीच तलवारें खिंची
चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा में आज जल्लीकट्टू के मुद्दे पर विपक्ष के नेता एमके स्टालिन और मुख्यमंत्री आे पनीरसेल्वम के बीच तलवारें तन गई। द्रमुक नेता ने मरीना बीच पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा को हटाने की मांग की। अध्यादेश से शुरू होकर पशु क्रूरता निषेध अधिनियम में संशोधन के साथ तीन दिन में जल्लीकट्टू पर कानून प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्टालिन ने सवाल किया कि पिछले तीन वर्षों में एेसी कार्रवाई क्यों नहीं की गई है।
उन्होंने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत मरीना बीच पर लागू निषेधाज्ञा को हटाने की मांग करते हुए कहा कि बीच एक सार्वजनिक स्थान है, जहां लोग अकसर जाते हैं। यह रेखांकित करते हुए कि खेल के आयोजन हेतु पहले भी कदम उठाए गए थे, मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम मामले की कानूनी पृष्ठभूमि को याद किया, जिसमें केन्द्र की आेर से जनवरी-2016 में जारी अध्यादेश पर उच्चतम न्यायालय का स्थगनादेश भी शामिल है।
उन्होंने इस बात पर जोर किया कि दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता ने जल्लीकट्टू को अनुमति दिलवाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने कानूनी कदम उठाए, खेल के आयोजन हेतु मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष मुद्दे को उठाया।