जिन्हें कालेधन से निपटने की कम समझ है, वो नोटबंदी पर सवाल उठा रहे हैं: जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नोटबंदी पर आई RBI की रिपोर्ट पर विपक्ष के हमले का खुल कर जवाब दिया. बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि जिन लोगों को इस बात की कम समझ है कि कालेधन से कैसे निपटा जाए, वही नोटबंदी के बाद बैंकिंग प्रणाली में नकदी लौटने पर सवाल उठा रहे हैं.
बता दें कि कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 99 प्रतिशत नकदी के वापस लौटने पर कहा कि यह रिजर्व बैंक के लिए लानत है. चिदंबरम ने कहा कि इन आंकड़ों से लगता है कि नोटबंदी कालेधन को सफेद करने के लिए लाई गई थी. जेटली ने इस बारे में आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि इन आंकड़ों के बाद वही लोग नोटबंदी पर सवाल उठा रहे हैं, जिन्हें इस बारे में पर्याप्त समझ नहीं है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद यह पता चल गया है कि बैंकों में नोट जमा कराने वाले कौन लोग हैं.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आज घोषणा की कि नोटबंदी के बाद 500 और 1000 के चलन से बाहर हुए 99 प्रतिशत के करीब नकदी बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गई है. इसके बाद सरकार पर नोटबंदी को लेकर चौतरफा हमला शुरू हो गया है.
जेटली ने नोटबंदी की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार की ये मुहिम बेहद सकारात्मक थी. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का मकसद नोटों को जब्त करना नहीं बल्कि देश से काले धन को निकाल फेंकने का था. वित्त मंत्री ने बोला कि नोटबंदी का मकसद अर्थव्यवस्था से नकदी को कम करना था. इसके अलावा डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना, कर दायरा बढ़ाना और कालेधन से लड़ाई इसके अन्य उद्देश्य थे. गौरतलब है कि सरकार ने नोटबंदी की घोषणा करते वक्त कहा था कि इससे कालेधन पर लगाम लगेगी और आतंकवाद की कमर तोड़ी जा सकेगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी के बाद छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिली है.
विपक्ष को दिया जवाब
वित्त मंत्री जेटली ने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन लोगों ने कालेधन के खिलाफ एक भी कदम नहीं उठाया उन्हें नोटबंदी का मकसद समझ नहीं आएगा. उन्होंने बोला- 'बैंकों में नोट जमा होने का मतलब यह नहीं है कि सब सफेद हो गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी का मकसद पैसे को जब्त करना नहीं था.' जेटली ने कहा कि अब सरकार राजनीतिक चंदे की साफ-सफाई के लिए कदम उठाएगी.