डेरे को दान देकर टेंशन में अनुयायी, कोर्ट का संपत्ति जब्त करने का आदेश
साध्वियों से रेप के केस में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 20 साल की जेल मिलने के बाद से डेरा के वे अनुयायी परेशान हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति डेरा को दान में दी थी। बाबा को सजा सुनाए जाने के बाद पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा को दान की गई संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है।
संपत्ति दान करने वाले कई वजहों से परेशान हैं। कई लोगों के लिए मामला बेहद जटिल हो गया है क्योंकि उनकी संपत्ति का पजेशन उन्हीं के पास है लेकिन प्रॉपर्टी का मालिकाना हक डेरा को ट्रांसफर हो चुका है। ये लोग अब तक उसी मकान में रह रहे हैं लेकिन हाई कोर्ट का ऑर्डर उन्हें बेघर कर सकता है और उनकी जमीन छिन सकती है।
सूत्रों का कहना है कि डेरा प्रमुख राम रहीम के निर्देश पर अनुयायियों ने अपनी पूरी प्रॉपर्टी डेरा को दान कर दी थी या डेरा के पास गिरवी रख दी थी। सिरसा के एक निवासी द्वारा हासिल किए गए आरटीआई दस्तावेजों के मुताबिक, कई अनुयायियों और साधुओं ने डेरा को अपनी संपत्ति दान की थी। साल 2002 में डेरा सच्चा सौदा से नाता तोड़ने वाले गुरुदास सिंह तूर ने कहा, 'साधुओं की संपत्ति को डेरा को ट्रांसफर किए जाने का काम 1996 में शुरू हुआ था। इन संपत्तियों की पावर ऑफ अटॉर्नी डेरा प्रमुख के पास थी। बाद में, अनुयायियों से ज्यादा समर्पण का भाव रखते हुए अपनी संपत्ति डेरा के नाम करने के लिए कहा गया।'
एक डेरा अनुयायी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'हमने अपना घर और खेती की पूरी जमीन डेरा को दान कर दी थी। अब कोर्ट का ऑर्डर है कि डेरा की संपत्ति जब्त कर ली जाए, ऐसे में हमारे पास कुछ नहीं बचेगा, हम बहुत चिंतित हैं। हमने पूरे भक्तिभाव के साथ ऐसा किया था। लोग कहते हैं कि 'पिताजी' के खिलाफ काफी सबूत हैं लेकिन हम इसपर विश्वास नहीं करते। हमें लगता है कि कोर्ट को दान करने वालों की प्रॉपर्टी जब्त नहीं की जानी चाहिए।'
तूर का आरोप है, 'साल 2008 में 100 और अनुयायियों ने अपनी-अपनी संपतियां डेरा को दान कीं। संभव है कि डेरा प्रमुख ने कई संपत्तियां अपने परिवारवालों के नाम ट्रांसफर करवा ली हों।' पहले डेरा अनुयायियों का प्रतिनिधित्व करने वाले मनसा के एक वकील ने बताया कि हाल में उनके पास कई डेरा अनुयायी पहुंचे और वह जल्द कोर्ट के प्रॉपर्ट जब्त करने के ऑर्डर के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे।