डोकलाम जैसा विवाद रोकने के लिए हिंदी सीखेगी चीन की सेना

इंटरनेशनल डेस्क.भारत की सीमा पर डोकलाम जैसे विवाद को रोकने के लिए चीन की सेना को हिंदी सीखनी चाहिए। यह सुझाव चीन के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में रिसर्च फेलो हू झियोंग ने दिया है। झियोंग ने कहा, डोकलाम विवाद के बाद भारत ने गलतफहमी के कारण पैदा होने वाले विवादों से बचने और बेहतर संवाद के लिए अपने सैनिकों को मंदारिन सीखने को कहा है।' उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनात जवानों को एक-दूसरे की भाषा की समझ होनी चाहिए।

हू के मुताबिक एक-दूसरे की भाषा और परंपरा की समझ होने से विवाद घटेंगे जिससे, दोनों देशों की दोस्ती भी गहरी होगी।

गौरतलब है कि भारतीय सेना ने चीन की सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए मंदारिन भाषा सीखना अनिवार्य कर दिया था ताकि, उन्हें सीमापार खड़े सैनिकों की बात समझने में किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।

चीन ने जासूसी ड्रोन का परीक्षण किया 

चीन ने चिड़िया के आकार के एक ऐसे ड्रोन का परीक्षण किया है, जो आसमान से जासूसी कर सकेगा। यह चीन की सेना के लिए काफी उपयोगी बताया जा रहा है। हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने मंगलवार को इस ड्रोन की रिपोर्ट दी है। इसमें बताया गया है कि बैट के आकार के इस ड्रोन का परीक्षण पिछले माह मंगोलिया में सफल रहा है। इसे परीक्षण में समुद्र तल से आसमान में 25 किमी की ऊंचाई तक उड़ाया गया। यह समुद्र तल से 20 किमी की ऊंचाई से निगाह रख सकेगा। इस प्रोजेक्ट से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक यांग यानचू ने कहा कि यह बुलेट की तरह तस्वीरें ले सकेगा।

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