ड्यूटी के दौरान रिश्तेदार की सगाई में जाने की छुट्टी मांगी, मना किया तो थानेदार को पीटा;
जांजगीर छत्तीसगढ़ के जांजगीर में सिपाही अब गुंडागर्दी पर उतारू हैं। आम आदमी के साथ उनके अफसर भी इसका शिकार बनने लगे हैं। ऐसे ही एक मामले में ड्यूटी के दौरान रिश्तेदार की सगाई में जाने के लिए छुट्टी मांग रहे कांस्टेबल को मना किया गया तो उसने अपने ही थानेदार की पिटाई कर दी। वहीं एक अन्य मामले में युवक के पास से गांजा बरामद नहीं होने पर दो सिपाहियों ने उसका पैर तोड़ डाला। फिलहाल तीनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
दो घंटे की छुट्टी मांग रहा था सिपाही, कोविड के कारण मना किया
जानकारी के मुताबिक, थाना मुलमुला के कांस्टेबल रामचरण ठाकुर की 29 अप्रैल को जांजगी-बिलासपुर रोड पर दर्रीघाट में चेकपोस्ट पर ड्यूटी लगी थी। इस दौरान वह थाना प्रभारी उमेश साहू से एक रिश्तेदार की सगाई में जाने के लिए 2 घंटे की छुट्टी मांग रहा था। कोरोना संक्रमण के दौरान ड्यूटी के चलते थाना प्रभारी ने उसे छुट्टी देने से मना कर दिया। आरोप है कि इसके बाद उसने थाना प्रभारी से गाली-गलौज करते हुए मारपीट की।
गांजा की सूचना मिली, नहीं मिला तो युवक को जमकर पीटा
वहीं दूसरी ओर दो दिन पहले चांपा थाने के हेड कांस्टेबल जितेंद्र सिंह परिहार और कांस्टेबल इश्वरी राठौर को सूचना मिली कि क्षेत्र में एक युवक गांजा बेच रहा है। इस पर दोनों पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और युवक रविशंकर पटवा को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से गांजा बरामद नहीं हुआ। पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की तो उसने इनकार कर दिया। आरोप है कि इस पर दोनों ने सिपाहियों ने पीट-पीट कर रविशंकर का पैर ही तोड़ डाला।
SDOP को जांच अधिकारी बनाया, 5 दिन में मांगी रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए SP पारूल माथुर ने हेडकांस्टेल सहित दोनों सिपाहियों को भी सस्पेंड कर दिया है। इस दौरान उनकी ड्यूटी जांजगीर पुलिस लाइन में लगाई गई है। वहीं चांपा में युवक रविशंकर पटवा से मारपीट मामले की जांच SDOP को सौंपी गई है। SP माथुर ने उनसे मामले की जांच पूरी कर 5 दिन में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। इसी आधार पर दोनों सिपाहियों के खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।
मार्च में कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी को जेल भेजने की जगह छोड़ दिया था
इससे पहले भी सिपाहियों की करतूत सामने आ चुकी है। जांजगीर में ही मजिस्ट्रेट कोर्ट शांति भंग के आरोपी रमेश कुमार पटेल को जेल भेजने का आदेश दिया। उसे लेकर 6 मार्च को नैला चौकी में पदस्थ सिपाही सुनील सिंह और भूषण राठौर निकले, लेकिन उसे जेल दाखिल कराने की जगह छोड़ दिया। इस मामले में भी दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर जांच कराई गई थी। सिपाहियों का कहना था कि वह आदेश नहीं समझ पाए।