तो क्या यरुशलम के नाम पर हाफिज सईद ने किया फिलिस्तीनी राजदूत को इस्तेमाल!
नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद की रैली में फिलिस्तीन के राजदूत की मौजूदगी ने विश्व की राजनीति में खलबली मचा दी है। भारत ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। विदेश मंत्रालय ने इस मसले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा, 'हमने इस संबंध में रिपोर्ट देखी है। हम नई दिल्ली में फिलिस्तीनी राजदूत और अधिकारियों के सामने इस मुद्दे को सख्ती से उठाएंगे।'
बता दें कि फिलिस्तीनी राजदूत वालिद अबु अली पाकिस्तान के रावपिंडी के लियाकत बाग में आयोजित हाफिज सईद की रैली में शामिल हुए। इस रैली का आयोजन दिफाह-ए-पाकिस्तान काउंसिल के द्वारा किया गया। यह काउंसिल पाकिस्तान में धार्मिक समूहों और राजनीतिक पार्टियों का एक गठबंधन है, जिसमें हाफिज सईद का संगठन भी शामिल है। यह कट्टरपंथी संगठन अक्सर हर मौकों पर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है।
एक मंच पर हाफिज सईद और फिलिस्तीनी राजदूत
हाफिज सईद की रैली को फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबु अली ने संबोधित भी किया। रैली से संबंधित तस्वीरों को पाकिस्तानी पत्रकार उमर कुरैशी ने ट्वीटर पर शेयर किया। जिसमें फिलिस्तीन के राजदूत आतंकी हाफिज सईद के साथ मंच साझा करते नजर आ रहे हैं। बहरहाल, इन तस्वीरों के सामने आने के बाद हर तरह बहस छि़ड़ गई है।
रावलपिंडी में आयोजित आतंकी हाफिज सईद की यह रैली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यरुशलम नीति की निंदा करने के लिए आयोजित की गई थी। लेकिन यह जगजाहिर है कि हाफिज सईद के आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और फिर जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगने के बाद से वो बौखलाया हुआ है। जिसके बाद उसने पाकिस्तान की राजनीति में पैर जमाने का फैसला लिया। यही कारण है कि यह सोचना गलत नहीं होगा कि यरुशलम तो बहाना है असल में हाफिज सईद का मकसद पाकिस्तानी वोट बैंक को हासिल करना है।
इसीलिए हाफिज सईद के इरादे जगजाहिर होने के बावजूद फिलिस्तीनी राजदूत उसकी रैली में शामिल हुए। उन्होंने हाफिज सईद की रैली में शिरकत करके नई दिल्ली को हैरान कर दिया। इस रैली में अमेरिकी समेत कई गैर इस्लामी देशों और साथ ही भारत की भी निंदा की गई। फलस्तीनी राजदूत की यह हरकत न केवल भारतीय हितों की अनदेखी है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय तौर पर घोषित एक आतंकी का खुला समर्थन भी है।
गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित होने के बाद हाल ही नजरबंदी से रिहा हुआ आतंकी हाफिज सईद अब राजनीतिक गलियारों में अपने पैर पसारने की कोशिशों में जुटा है। वह पहले ही आगामी चुनाव में उतरने का ऐलान कर चुका है। पाकिस्तान की सरकार और वहां की सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आपत्ति के बाद भी हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग ने बीते दिन लाहौर में अपना दफ्तर भी खोला है।