देश के करीब 8 लाख बीएस-3 वाहनों के भविष्य पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
देश के करीब 8.24 लाख बीएस (भारत स्टेज)-3 उत्सर्जन मानक वाले वाहनों का भविष्य बुधवार को तय होगा। सुप्रीम कोर्ट बुधवार को इस पर अपना फैसला सुनाएगा। मालूम हो कि एक अप्रैल से बीएस-4 मानक प्रभावी होना प्रस्तावित है।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि बुधवार को इस पर आदेश पारित किया जाएगा। ऑटो कंपनियों का कहना है कि उनके स्टॉक में 8 लाख 24 हजार बीएस-तीन वाहन हैं।
इनमें से 671308 दोपहिया वाहन, 40048 तिपहिया, 96724 व्यावसायिक वाहन और 16198 कारें हैं। ऑटो कंपनियों ने पीठ से गुहार लगाई कि उन्हें छह-सात महीने का वक्त दिया जाए, वे अपने स्टॉक को निकाल लेंगे।
सरकार भी ऑटो कंपनियों के पक्ष में है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हुए कहा है कि बीएस-4 प्रभावी होने के बाद भी बीएस-3 की बिक्री की इजाजत दी जाए। सरकार का कहना है कि एक अप्रैल के बाद बीएस-3 वाहनों के उत्पादन पर पाबंदी है न कि बिक्री और रजिस्ट्रेशन पर।
सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष कहा था कि वर्ष 2005 और 2010 में भी नए उत्सर्जन मानक को जरूरी किया गया था लेकिन बावजूद इसके कंपनियों को पुराने स्टॉक को बिक्री की इजाजत दी गई थी।