नवरात्रि के दौरान जब CM योगी ने तोड़ी थी ‘नाथ संप्रदाय’ की परंपरा, ये रही वजह
गोरखपुर. गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के बारे में आप बहुत सी कहानियां जानते होंगे लेकिन क्या ये जानते हैं कि योगी ने एक बार सैकड़ों साल से चली आ रही 'नाथ संप्रदाय' की परंपरा को तोड़ दिया था. बता दें कि नवरात्रि के पहले दिन गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना की परंपरा निभाने के बाद पीठाधीश्वर और उनके उत्तराधिकारी मठ से नीचे नहीं उतरते. पूजा के बाद रूटीन के काम और खास मुलाकातें मंदिर के पहले तल पर ही होती हैं. पर एक बार फर्ज के आगे योगी आदित्यनाथ ने वर्षों की परंपरा तोड़ दी थी. तब योगी आदित्यनाथ पीठ के उत्तराधिकारी और गोरखपुर के सांसद थे. अब वह सूबे के मुख्यमंत्री हैं.
दरअसल 30 सितंबर 2014 को नवरात्रि का पहला दिन था. गोरखपुर कैंट स्टेशन के पास नंदानगर रेलवे क्रासिंग पर लखनऊ-बरौनी और मडुआडीह-लखनऊ एक्सप्रेस की टक्कर हो गई. घटना की सूचना योगी आदित्यनाथ को मिली. सूचना मिलते ही फौरन योगी आदित्यनाथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. उन्होंने मौके पर पहुंचकर राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए. वहीं वो खुद अपने संसाधन और समर्थकों के साथ जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों की मदद करने पहुंचे.
क्या है नाथ पीठ की परंपरा
परंपरा है कि गोरक्षपीठाधीश्वर को कलश स्थापना के बाद पूरे नवरात्र अपने आवास में ही निवास करना होता है. हालांकि मुख्यमंत्री पद के दायित्व को देखते हुए योगी के लिए ऐसा करना संभव नहीं लेकिन वह जब तक मंदिर में रहेंगे अपने आवास से बाहर नहीं निकलेंगे.
15 फरवरी 1994 को सीएम योगी ने ली दीक्षा
नाथ योग सिद्धपीठ गोरखनाथ मंदिर के योग तपोमय पावन परिसर में शिव गोरक्ष महायोगी गुरु गोरखनाथ जी के अनुग्रह स्वरुप 15 फरवरी 1994 को गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज द्वारा मांगलिक वैदिक मंत्रोच्चारपूर्वक शिष्य योगी आदित्यनाथ का दीक्षाभिषेक संपन्न हुआ था.
क्या है मंदिर का इतिहास
गोरखनाथ (गोरखनाथ मठ) नाथ परंपरा में नाथ मठ समूह का एक मंदिर है. इसका नाम गोरखनाथ मध्ययुगीन संत गोरखनाथ (11वीं सदी) से निकला है जो एक प्रसिद्ध योगी थे जो भारत भर में व्यापक रूप से यात्रा करते थे और नाथ सम्प्रदाय के कैनन के हिस्से के रूप में ग्रंथों के लेखक भी थे. नाथ परंपरा गुरु मच्छेंद्र नाथ द्वारा स्थापित की गई थी. गोरखनाथ मंदिर उसी स्थान पर स्थित है जहां वह तपस्या करते थे और उनको श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए यह मन्दिर की स्थापना की गई.
सबसे कम उम्र के सांसद बने सीएम योगी
महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ ने 1998 में सबसे कम उम्र का सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया. योगी आदित्यनाथ ने 'हिन्दू युवा वाहिनी' का गठन किया जो हिन्दू युवाओं को हिन्दुत्वनिष्ठ बनाने के लिए प्रेरणा देते है. गौरतलब है कि 11 सितंबर 2014 में गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ ब्रह्मलीन हुए थे.