नाबालिग को गर्भपात की अनुमति से हाईकोर्ट का इनकार, 26 सप्ताह का है  गर्भ

जोधपुर । हाईकोर्ट ने सोलह वर्षीय नाबालिग को गर्भपात कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।  नाबालिग ने कोर्ट से 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की मांग करते हुए इस संबंध में प्रार्थना-पत्र लगाया था।  उसके बाद कोर्ट ने इस मामले में पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अनुमति देने से इनकार किया है। 
दो दिन पहले शनिवार को इस संबंध में कोर्ट के सामने प्रार्थना-पत्र पेश किया गया था।  नाबालिग के 26 सप्ताह का गर्भ होने की वजह से कोर्ट ने एमडीएम अस्पताल के तीन स्त्री रोग विशेषज्ञों के मेडिकल बोर्ड को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिए थे।  सोमवार को मेडिकल बोर्ड ने परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी।  रिपोर्ट में कहा गया कि इस स्टेज पर गर्भपात की अनुमति नहीं दी जाए।  इस पर कोर्ट ने गर्भपात की अनुमति देने से इनकार कर दिया।  इसके साथ ही कोर्ट ने बिलाड़ा एसएचओ को जिम्मेदारी देते हुए कहा कि अब अगर गर्भपात कराया जाता है तो क्रिमिनल केस दर्ज किया जाए। 
उल्लेखनीय है कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दिए गए निर्देश पर पुलिस ने पिछले दिनों एक नाबालिग को कोर्ट के सामने पेश किया था।  उसके बाद उसे बालिका गृह भेज दिया गया।  शुक्रवार को नाबालिग की ओर से एक प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया गया कि उसे गर्भपात करवाने की अनुमति दी जानी चाहिए।  कोर्ट ने उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर पाया नाबालिग के करीब 26 सप्ताह का गर्भ है।  इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि एमडीएम अस्पताल के तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ के मेडिकल बोर्ड से नाबालिग की पूरी मेडिकल जांच करवाई जाए।  कोर्ट ने इसके साथ ही मेडिकल बोर्ड को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत सुझाव के साथ रिपोर्ट देने को कहा था। 

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