नाबालिग ने कोर्ट से मांगी गर्भपात की अनुमति, 26 हफ्ते का है गर्भ

जोधपुर । राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ के सामने एक नाबालिग गर्भवती लड़की ने गर्भपात कराने की अनुमति मांगी है। नाबालिग की 26 सप्ताह का गर्भ होने की वजह से कोर्ट ने एमडीएम अस्पताल के तीन स्त्री रोग विशेषज्ञों के मेडिकल बोर्ड को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब 27 मई को होगी।
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दिए गए निर्देश पर पुलिस ने पिछले दिनों नाबालिग को कोर्ट के सामने पेश किया। जिसके बाद उसे बालिका गृह भेज दिया गया। शुक्रवार को एक प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया गया कि नाबालिग को गर्भपात करवाने की अनुमति दी जानी चाहिए। जिस पर कोर्ट ने उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर पाया करीब 26 सप्ताह का गर्भ है। कोर्ट ने आदेश दिया कि 25 मई को एमडीएम अस्पताल के तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ के मेडिकल बोर्ड के सामने नाबालिग उपस्थित की जाए। कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को बच्चे की मेडिकली जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मेडिकल बोर्ड को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत इस सुझाव के साथ रिपोर्ट देने को कहा है। बता दें कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के बाद ही तय होगा कि नाबालिग के 26 सप्ताह के गर्भ को टर्मिनेट किया जाएगा या नहीं। दो दिन पहले पीडि़ता ने मां के साथ कलेक्टर के पास पहुंचकर गर्भपात की अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने मामला बाल कल्याण समिति के समक्ष भेज दिया।

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