नोटबंदी से गईं लाखों नौकरियां, मार्च तक और बुरे होंगे हालात
एआईएमओ संस्था, सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े स्तर के उद्योग में काम कर रही 3 लाख से ज्यादा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। संस्था ने अपने अध्ययन में कहा कि, नोटबंदी का असर यूं तो सभी उद्योगों पर पड़ा है लेकिन सूक्ष्म और लघु उद्योग पर इसका सबसे बुरा असर पड़ा है।
सड़क निर्माण क्षेत्र में 35 फीसदी लोगों की गई नौकरी
एआईएमओ ने अपने अध्ययन में कई मुद्दों पर पड़ताल की जिनमें से जो मुख्य बातें निकल कर आईं वो इस प्रकार है-
– सड़क निर्माण से जुड़े उद्योगों में रोजगार में 35 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई साथ ही इस उद्योग का मुनाफा भी 45 फीसदी कम हुआ। मार्च तक नौकरी और रोजगार में 40 फीसदी की गिरावट होने की आशंका है।
– निर्यात क्षेत्र में काम करने वाली मध्यम और बड़े स्तर की कंपनियों में 30 फीसदी लोगों की नौकरियां गई, साथ ही मुनाफा भी 40 फीसदी कम हुआ। मार्च चक यह आकंड़ा 45 फीसदी तक पहुंच सकता है।
– मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र इससे सबसे कम प्रभावित हुआ। इस क्षेत्र में सिर्फ 5 फीसदी लोगों की नौकरियां गई और मुनाफे में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
एआईएमओ ने अपने अध्ययन में बताया कि, नकदी कि दिक्कत, रकम निकासी की सीमा कम होना, रियल इस्टेट सेक्टर का काम ठप्प पड़ना और जीएसटी को लेकर अनिश्चितता ने इन उद्योगों को ज्यादा प्रभावित किया। मार्च तक यह स्थिति बरकरार रहने की उम्मीद है।