पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद केरल कांग्रेस में भी बढ़ा विवाद 

तिरुवनंतपुरम। पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अंतर्कलह का सामना कर ही रही थी, कि केरल में विवाद खड़ा हो गया।बता दें कि पूर्व केपीसीसी प्रमुख वीएम सुधीरन ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई के राजनीतिक मामलों की समिति से इस्तीफा दे दिया था।इसके बाद केपीसीसी अध्यक्ष के.सुधाकरण ने उनकी शिकायतें सुनने की बातें कही थी। क्योंकि पार्टी नहीं चाहती है कि वीएम सुधीरन पद छोड़ें।वहीं केरल कांग्रेस में भी घमासान चल रहा है, लेकिन जानकारों का कहना है कि वह खुलकर सामने नहीं आएगा। ऐसा इसकारण है, क्योंकि पार्टी आलाकमान गुटबाजी को बेअसर करने के लिए पूरे संगठन में फेरबदल करने वाली है। कहा जा रहा है कि पुराने लोगों को हटाकर नए लोगों को मौका दिया जाएगा। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि केरल विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था।
हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओमन चांडी और रमेश चेन्नीथला खुद को दरकिनार महसूस कर रहे हैं और प्रदेश इकाई में एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरन और विपक्ष के नेता वीडी सतीशन सहित एक नए पावर सेंटर का उदय हुआ है।इसकारण चांडी और रमेश चेन्नीथला ने खुले तौर पर नए नेतृत्व की आलोचना की। कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी इकाई में चल रहे मतभेदों को समाप्त करने के लिए किसी भी दूत को नहीं भेजा है। क्योंकि पार्टी चाहती है कि राज्य नेतृत्व मामले को स्थानीय स्तर पर ही सुलझे। 
केरल कांग्रेस में पहले चेन्नीथला और पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी का बोलबाला रहा है और जिला कांग्रेस कमेटी (डीसीसी) के प्रमुखों की नियुक्तियों हुईं। जिसमें इन नेताओं को दरकिनार कर तीनों नेताओं ने प्रदेश इकाई पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली।इससे चेन्नीथला और चांडी नाराज चल रहे हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, चेन्नीथला और ओमन चांडी ने जिन नेताओं को सुधाकरण और सतीसन की धुन पर नाचने वाला बताया, उन नेताओं ने एआईसीसी महासचिव तारिक अनवर से संपर्क साधकर अपनी बात रखी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक तारिक अनवर ने कहा कि पार्टी में फिर से बदलाव करने का सवाल ही नहीं है। सुधाकरण अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उचित महत्व के साथ विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, असंतुष्ट नेताओं को लगता है कि आलाकमान तक अब उनकी पहुंच नहीं है और वहां राहुल गांधी से भी नहीं मिल पा रहे हैं। जो इन दिनों केसी वेणुगोपाल से राय मशवरा कर ही निर्णय लेते हैं। 
इस बीच सुधाकरन और सतीसन केपीसीसी के नए पदाधिकारियों की नियुक्ति पर आलाकमान के साथ चर्चा के लिए मंगलवार को दिल्ली पहुंचने वाले थे लेकिन यात्रा स्थगित कर दी गई। वहीं राहुल गांधी बुधवार को केरल दौरे पर चले गए और तारिक अनवर दिल्ली में नहीं हैं और 2 अक्टूबर को वापस लौटेंगे। इसके बाद 4 अक्टूबर से विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में नेता दूसरे सप्ताह में ही दिल्ली का दौरा कर सकते हैं।

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