पत्नी की भी नहीं सुनी, मारा गया आतंकी
नई दिल्ली
मुठभेड़ में आतंकवादी की जान न लेनी पड़े इसके लिए सुरक्षाबलों ने उसकी पत्नी की भी मदद ली लेकिन उनकी यह कोशिश बेकार गई। आतंकवादी ने सरेंडर नहीं किया और मारा गया।
मामला जम्मू-कश्मीर में पुलवामा जिले के पडगमपोरा का है जहां बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक सेना के साथ चली मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शफीक शेरगुजारी के सरेंडर के लिए सेना उसके परिवारवालों को मुठभेड़ वाली जगह तक लेकर आई।
शफीक की 25 वर्षीय पत्नी दिलशादा को सेना ने यह भरोसा दिलाया था कि अगर वह सरेंडर कर देगा तो उसको कुछ नहीं होगा। इसी मकसद से दिलशादा ने लाउडस्पीकर पर अपने पति से मार्मिक अपील की कि वह सरेंडर कर दे लेकिन वह बाहर नहीं आया और रुक-रुककर फायरिंग करता रहा।
जानकारी के मुताबिक शफीक एक घर में छिपा हुआ था। सेना ने उस घर को चारों तरफ से घेर लिया था। पत्नी की अपील का भी जब उस पर कोई असर नहीं हुआ तो सेना ने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी और इस मुठभेड़ में शफीक मारा गया। मारे गए दूसरे आतंकी की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के जहांगीर अहमद गनी के रुप में की गई है।
ऐसी खबर भी आई कि सेना के ऑपरेशन में बाधा डालने के लिए कुछ स्थानीय युवा सड़कों पर आकर विरोध करने लगे। सेना और स्थानीय लोगों के इस टकराव में एक नागरिक की भी मौत हुई है।