पाठ्यक्रम को कम कर खेलकूद को दिया जाएगा बढ़ावा

अगले साल से पाठ्यक्रम होगा आधा

नई दिल्ली। खेलों की महत्वता देखते हुए अब देश में खेलों को बढ़ाने के लिए स्कूलों में खेल का पीरियड अनिवार्य होगा। अगले साल से स्कूल पाठ्यक्रम को 50 फ़ीसदी कम कर इस पर काम किया जाएगा। यह बात एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कही।  उन्होंने यह भी कहा कि हम ऐसे मंच पर आएं हैं जहां खेल शिक्षा का हिस्सा नहीं है, यह शिक्षा है।  इस विषय में मानव संसाधन विकास मंत्रालय सुनिश्चित कर रहा है कि साल 2019 तक स्कूलों का पाठ्यक्रम 50 प्रतिशत घटाकर खेलों का पीरियड नियमित कर दिया जाये। साथ ही हम यह भी तय करेंगे कि स्पोर्ट्स इंडिया 2022 तक अपने कर्मचारियों की संख्या आधी कर खेलों पर अधिक पैसा खर्च करें।

राठौड़ ने बताया कि इस साल हमारे पास खेलों की विशेषज्ञता वाले 20 ऐसे स्कूल होंगे जिन पर सरकार 7 से 10 करोड़  रुपए प्रत्येक पर खर्च करेगी। हर स्कूल में दो या तीन मुख्य खेल रखने की भी योजना है, जिससे उनका पूरा ध्यान खेलों पर केंद्रित होगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एनसीईआरटी को अगले साल तक पाठ्यक्रम घटाकर आधा करने की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसके लिए हाल ही में एनसीईआरटी ने लोगों से सुझाव भी मांगे थे। सूत्रों के अनुसार इसके लिए एनसीईआरटी गैरजरूरी विषय को हटाकर सभी विषयों को मिलाकर प्रत्येक 3 महीने के लिए किताब बनाने जैसे उपायों पर विचाराधीन है।

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