पापियों के लिए बहुत खतरनाक होती है यमपुरी की यात्रा, दी जाती है ये यातनाएं

धरती पर आपने कई सारे जिलें तथा गांव देखे होंगे, मगर क्या आपको पता है कि भूमि से ऊपर भी कुछ गांव होते हैं ? गरुड़ पुराण में ऐसी एक भिन्न दुनिया का बखान किया गया है, जहां मनुष्य मृत्यु के पश्चात् यात्रा करता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, पापी मनुष्य की मृत्यु के पश्चात् उसकी आत्मा को यमपुरी जाना होता है। वही ये यात्रा बेहद ही दर्दनाक होती है। इस यात्रा में कई गांवों से होकर उसे निकलना होता है। यमपुरी की ये यात्रा आत्मा स्वयं नहीं करती, बल्कि यमराज के दो खतरनाक दूत उसे वहां तक जबरन लेकर जाते हैं। प्रत्येक गांव में उसे भिन्न-भिन्न प्रकार के कष्टों को भोगना पड़ता है। यहां विस्तार से उन गांवों के बारे में जानिए जो यमपुरी के बीच पड़ने वाले है।।।
न वृक्ष हैं न आराम के लिए कोई स्थान:- गरुड़ पुराण में प्रभु श्री विष्णु गरुड़ को यमपुरी की यात्रा के बीच पड़ने वाले गांवों के बारे में कहते हुए बताते हैं कि यमपुरी के रास्ते में सौम्यपुर, सौरिपुर, गन्धर्वपुर, शैलगाम, क्रौंचपुर, विचित्र भवन, बह्वापदपुर, दुःखपुर, नानाक्रन्दपुर, सुतप्तभवन, रौद्रपुर, पयोवर्षणपुर, शीताढयपुर तथा बहुभीतिपुर आदि गांव पड़ते हैं। इन गांवों में प्रलयकाल के समान कई सूर्य चमकते हैं। इस ताप से बचने के लिए आत्मा छाया की खोज करती है तथा आराम का स्थान तलाशने की कोशिश करती है। मगर उसे न तो छाया प्राप्त होती है तथा न ही विश्राम करने के लिए कोई स्थान प्राप्त हो पाता है क्योंकि उस रास्ते में कहीं भी एक भी पेड़ नहीं है। आत्मा प्यास से व्याकुल होकर पानी की खोज करती है, मगर उसे पानी भी नहीं मिल पाता क्योंकि पूरे मार्ग में पानी की एक भी बूंद उपस्थित नहीं होती है। इसके कारण पिंड बुरी तरह तड़पती है।

भयानक वन से होता है सामना:- प्रभु श्री विष्णु बोलते हैं कि इस मार्ग में एक असिपत्र नाम का वन भी पड़ता है। इस वन में कई स्थान पर खतरनाक आग होती है तथा कौआ, उल्लू, गिद्ध, मधुमक्खी, मच्छर वगैरह प्राप्त होते हैं। ये सभी उस आत्मा को नुकसान पहुंचाते हैं। बचते वक़्त कभी प्रेतआत्मा मल-मूत्र तो कभी खून से भरे कीचड़ में गिरती है। कई बार अंधेरे कुंए में गिरकर छटपटाती है। इस प्रकार यमपुरी की यात्रा इतनी खतरनाक है, कि सोचकर ही रूह कांप जाए।
 

Leave a Reply