पीएम मोदी का सख्त फरमान, जॉब सेक्टर की तस्वीर दुरुस्त करें
नई दिल्ली
तीन साल पूरा करने जा रही मोदी सरकार देश में जॉब की कमी वाली खबरों से चिंतित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर विपक्ष सहित सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना को गंभीरता से लिया है। तमाम रिपोर्ट्स में देश में जॉब के घटते ट्रेंड पर चिंता जताई गई है। लेबर ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जॉब ग्रोथ मात्र 1 फीसदी रही थी। सूत्रों के अनुसार पिछले 15 दिनों के अंदर पीएम जॉब ग्रोथ के तमाम विकल्पों पर रणनीति बनाने के लिए दो मीटिंग कर चुके हैं। ध्यान हो कि सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद विपक्ष ने भी मूल रूप से जॉब की कमी का आरोप लगाकर ही सरकार पर हमला किया है।
अप्रेंटिस कानून से 5 लाख जॉब: सरकार ने नौकरी के नए अवसर बनाने के लिए अप्रेंटिस (प्रशिक्षु) कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने की रणनीति बनाई है। अप्रेंटिस कानून को कैबिनेट ने पिछले साल ही मंजूरी दे दी थी लेकिन इसकी प्रगति से सरकार संतुष्ट नहीं है। सरकार को उम्मीद है कि इस कानून के प्रभावी तौर पर लागू होने से अप्रेंटिस प्रोग्राम में लाखों सीट बढ़ेंगी और युवाओं को सीधा लाभ मिलेगा।साथ ही देश में योग्य प्रफेशनल तैयार होंगे। नए कानून में कहा गया है कि अप्रेंटिस के लिए निर्धारित सीटों के कड़े कानून में नरमी बरती जाएगी और 2 से 10 फीसदी तक इसमें बढ़ाने की छूट कंपनियों को मिलेगी। वहीं इंडस्ट्री 500 नए कोर्स की शुरुआत कर सकती है, जहां अप्रेंटिस को मौका मिल सकता है। गैर इंजिनियरिंग और डिप्लोमा धारक को भी इसमें शामिल किया गया है। छोटी कंपनियां अप्रेंटिस को आउटसोर्स भी कर सकती हैं। फिलहाल पूरे देश में 2 लाख 82 हजार अप्रेंटिस प्रोगाम के तहत ट्रेनिंग ले रहे हैं जबकि कुल सीट 4 लाख 9 हजार हैं।
हर महीने जॉब का डेटा: जॉब सेक्टर से जुड़े जो भी आंकड़े सामने आ रहे हैं, मोदी सरकार उन्हें पूरा नहीं मान रही है। उसका मानना है कि बदले परिवेश में लेबर ब्यूरो सही स्थिति सामने नहीं कर रहा है। सरकार देश में जॉब की वास्तविक दशा बताने के लिए नया और बड़ा सिस्टम तैयार करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने जल्द से जल्द नीति आयोग की टीम को इस पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि पिछले हफ्ते पीएम के निर्देश पर नीति आयोग को एक टास्क फोर्स बनाने का निर्देश दिया गया था।
नया सिस्टम अपनाने के बाद सरकार जॉब से संबंधित नया डेटा भी जारी करेगी। सूत्रों के अनुसार अमेरिका और दूसरे यूरोपीय देशों की तरह भारत में भी हर महीने जॉब के आंकड़े जारी किए जा सकते हैं। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में इस टास्क कमिटी को जल्द से जल्द नया सिस्टम बनाकर उसे प्रभाव में लाने को कहा गया है।