पुलिस को रिश्वत देकर मांगे पति संग ‘प्राइवेट पल’
होटल की खिड़की से फरार हुआ गैंगस्टर
मुंबई . फरार गैंगस्टर के मामले की जांच में पुलिस की ढिलाई के संकेत मिले हैं। पता चला है कि इस मामले में लापरवाही की वजह से सस्पेंड किए गए 10 पुलिसवालों में से दो ने गैंगस्टर को होटल के कमरे में पत्नी के साथ निजी पल गुजारने का समय दिया और इसके लिए 1 लाख रुपये लिए।
जांच में यह बात सामने आई कि 30 साल का आरोपी हनुमान पाटिल होटल के कमरे की खिड़की से भाग गया, जबकि कमरे के दरवाजे पर पुलिस पहरा दे रही थी। जेजे मार्ग पुलिस ने सोमवार को तालोजा जेल से आरोपी हनुमान की कस्टडी ली थी। पुलिस अब इस बात की जांच करने में जुटी है कि पाटिल ने कैसे भागने का प्लान बनाया और इस काम में किसने उसकी मदद की।
पाटिल को साल 2013 में प्रॉपर्टी विवाद को लेकर सिडको के एक कर्मचारी को किडनैप कर कत्ल करने के मामले में मकोका, 1999 के तहत दर्ज केस में अरेस्ट किया गया था और तालोजा जेल में रखा गया था। 11 फरवरी को मेडिकल टेस्ट के लिए उसे जेजे अस्पताल ले जाया गया था, जहां दवाएं लेने जाने के नाम पर उसने भागने का प्लान बना लिया। इसके बाद नवी मुंबई पुलिस की टीम जेजे मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंची और शिकायत दर्ज की गई।
इस शिकायत के आधार पर जेजे मार्ग पुलिस ने पाटिल और नवी मुंबई क्राइम ब्रांच ने पाटिल के भागने के केस में विस्तृत जांच शुरू की। इसी जांच के दौरान यह बात सामने आई कि फरार होने में उसकी मदद की गई थी। पाटिल को पिछले महीने उत्तर प्रदेश से अरेस्ट किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि एक दिन पाटिल को मेडिकल जांच के लिए दोपहर 1:30 बजे जेजे अस्पताल लाया गया, वहां उसकी पत्नी मोनाली उससे मिलने पहुंची। पाटिल ने पुलिस इंस्पेक्टर अरविंद हदाल से गुजारिश की कि पास की मेडिकल शॉप से दवाएं खरीदने की इजाजत दे। हदाल ने उसके साथ दो कॉन्स्टेबलों को भेज दिया। यहां से कहानी बदल गई। जांच में पता चला कि दोनों कॉन्स्टेबल पाटिल और उसकी पत्नी को टैक्सी में बैठाकर ब्राइटवे होटल ले गए, पाटिल के लिए 3 घंटे के लिए रूम बुक किया गया और पत्नी मोनाली ने उसके पैसे दिए। करीब 3 बजे पाटिल और मोनाली होटल रूम के अंदर गए थे, कॉन्स्टेबल रूम के बाहर इंतजार कर रहे थे। दो घंटे इंतजार करने के बाद कॉन्स्टेबल ने दरवाजा खटखटाया, मोनाली ने दरवाजा खोला तो देखा कि पाटिल खिड़की के रास्ते फरार हो गया था। दोनों कॉन्स्टेबल जेजे अस्पताल पहुंचे और पूरी कहानी बताई। जांच में पता चला है कि मोनाली ने इस काम के लिए पुलिसवालों को 1 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'यह गंभीर अपराध है। हम ऐसा काम करने वाले पुलिसवालों को नहीं बख्शेंगे। उनपर केस दर्ज होगा और विभागीय कार्रवाई की जाएगी।'