प्रदेश की 12 हजार किमी सड़कें बनेंगी नए सिरे से 

भोपाल । प्रदेश की बारह हजार किमी से ज्यादा सड़कें नए सिरे से बनाई जाएगी। प्रदेश पहली बार यह काम किसी नेता या अफसर की सिफारिश पर नहीं बल्कि एक सॉफ्टवेयर के जरिए होगा। सॉफ्टवेयर बताएगा कि सड़क पर कितना दबाव है। उन्हें अपग्रेड करने की दरकार है या नहीं। दरअसल केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में उन सड़कों को शामिल कर नए सिरे से बनाने का फैसला किया है, जो पांच किमी से अधिक लंबी हैं और जिन पर यातायात का ज्यादा दबाव है। सड़क का चयन करने के लिए पांच पैमाने तय किए गए हैं। इस पर प्रदेश की 12 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कें खरी उतर रही हैं। ये सड़कें साढ़े पांच मीटर चौड़ी होंगी और स्टेट हाईवे की तर्ज पर बनेंगी। मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण ने ग्रामीण आबादी, सड़कों की सूची, उनकी लोकेशन (अक्षांश व देशांतर) दर्ज कर दी है। अब एप के जरिए फोटो लेकर अपलोड की जाएंगी। प्रदेश में एक लाख किमी से ज्यादा ग्रामीण सड़कें हैं। इनमें से अधिकांश हिस्सा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का है। इन सड़कों की वजह से न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं, बल्कि किसानों को बाजार भी मिला है।इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का तीसरा चरण लागू करने का निर्णय किया है। इसमें प्रदेश की 12 हजार 300 किलोमीटर लंबी सड़क आ सकती है। केंद्र सरकार उन सड़कों को इस चरण में शामिल करेगी, जो दो गावों को जोड़ती हों और पांच किमी से ज्यादा लंबी न हो।सड़कों का चयन केंद्र सरकार खुद करेगी। इसमें नेताओं और अफसरों की सिफारिश नहीं चलेगी। इसके लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सॉफ्टवेयर बनाया है। इसमें हर राज्य को अपनी सड़कों का पूरा ब्योरा दर्ज करना है।
    ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के सीईओ और विभागीय सचिव उमाकांत उमराव का कहना है कि जिले का संपूर्ण नक्शा जीआईएस स्वरूप में लिया जा चुका है। हमने एप तैयार किया है। इंजीनियर इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करके ग्रामीण क्षेत्रों में जाएंगे और सड़क की फोटो लेंगे। जैसे ही फोटो खिंच जाएगी, वो सॉफ्टवेयर में अपलोड हो जाएगी। इससे सड़क की स्थिति (अक्षांश व देशांतर) के साथ कितने लोग उसका इस्तेमाल करते हैं, केंद्र सरकार देखेगी। इसके बाद सड़कें तीसरे चरण के लिए स्वीकृत की जाएंगी। उम्मीद है कि हमारी 12 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबाई की सड़क इस परियोजना में शामिल होंगी। ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अभी प्रधानमंत्री सड़क साढ़े तीन मीटर चौड़ी होती हैं। इन पर भारी वाहन ज्यादा नहीं चल सकते, लेकिन खेती-किसानी में वाहनों के बढ़ते उपयोग और रेत सहित अन्य खदानों से खनिज के परिवहन को देखते हुए चौड़ी सड़क की जरूरत महसूस हो रही है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के तीसरे चरण में सड़क साढ़े पांच मीटर चौड़ी बनेगी और इसकी मोटाई भी दोगुनी हो जाएगी। इन पर भारी वाहन आसानी से चल सकेंगे। ये सड़कें मेजर रूरल लिंक रोड होंगी, जो कई गांवों को जोड़ेंगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के तीसरे चरण में वही सड़क शामिल होगी, जो पांच पैमानों पर खरा उतरेगी। इसमें ज्यादा आबादी, मंडी, हाट बाजार, कॉलेज, आईटीआई, स्वास्थ्य केंद्र, बस स्टॉप और अधिक से अधिक सरकारी कार्यालय शामिल हैं।

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