प्रदेश में पहली बार 1052 मरीज, आंकड़ा 18 हजार पार, रिकवरी रेट गिरा

प्रदेश में गुरुवार को कोरोना मरीज मिलने का नया रिकार्ड बना। अब तक के सर्वाधिक 1052 नए मरीज मिले हैं। राजधानी में भी रिकार्ड 341 संक्रमितों की पुष्टि हुई है। दूसरी ओर रिकार्ड 554 मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया। रायपुर में 3 समेत 8 कोरोना मरीजों की मौत भी हुई है। राजधानी में मृतकों की संख्या 93 व प्रदेश में 173 है। प्रदेश में मरीजों की संख्या 18637 पहुंच गई है। एक्टिव केस 6726 है। जबकि इलाज के बाद 11739 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
प्रदेश में लगातार मरीज मिलने के कारण रिकवरी दर गिर गई है। रायपुर में जहां मरीजों के स्वस्थ होने की दर 57 फीसदी है। वहीं प्रदेश में यह दर 70 से गिरकर 63 फीसदी पर आ गई है। रायपुर में एक्टिव केस 2997 है, जो प्रदेश के किसी भी जिले में सबसे अधिक है। रायपुर में बुधवार को 278 मरीजों को छुट्‌टी दी गई इसलिए रिकवरी दर 55 से बढ़कर 57 फीसदी पहुंच गई है। रायपुर के अरविंद नगर, गुढ़ियारी व गीतानगर चौबे कॉलोनी तथा कोरबा में एक मरीज की मौत हुई है। लगातार एक्टिव मरीजों के बढ़ने के कारण अस्पतालों में भी बेड फुल होने लगे हैं। हल्के व बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए कोरोना केयर सेंटर है। जिन्हें सांस लेने में तकलीफ के साथ दूसरी बीमारी हो, उनके लिए अस्पताल में भर्ती होना एकमात्र विकल्प है।
यहां मिले नए मरीज : दुर्ग से 183, दंतेवाड़ा से 38, सुकमा से 37, सरगुजा से 34, रायगढ़ से 32, जांजगीर-चांपा से 30, कोरिया से 27, नारायणपुर व कांकेर से 20-20, कोरबा व जशपुर से 19-19, सूरजपुर से 17, राजनांदगांव से 16, बिलासपुर से 15, कोंडागांव से 14, बलौदाबाजार से 9, गरियाबंद, मुंगेली व बीजापुर से 8-8, धमतरी, महासमुंद व बस्तर से 6-6, कवर्धा से 5, बेमेतरा व बलरामपुर से 4-4, बालोद से एक।

सर्दी, खांसी, बुखार है तो 24 घंटे में जांच जरूरी
सर्दी, खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ है तो ऐसे लोगों के सैंपल 24 घंटे में जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। दैनिक भास्कर ने 14 अगस्त के अंक में पहले ही इसका खुलासा कर दिया था। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर आईएमए के साथ बैठक कर लक्षण वाले मरीजों की जांच कराने को कहा है। प्रदेश में लगातार कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं। गंभीर मरीज भी आ रहे हैं, जिससे मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। मरीजों को उक्त लक्षण के साथ भर्ती किया जा रहा है, इसका मतलब साफ है कि मरीजों की जांच देरी से हो रही है। ऐसे मरीज निजी अस्पताल या जनरल प्रेक्टिशनर के पास इलाज करवा रहे थे। लक्षण के बावजूद उनकी जांच नहीं कराई गई। सीएचसी व पीएचसी में जांच करवाई जाए।

हल्के लक्षण के मरीजों के लिए बढ़ेंगे 4 हजार बेड
बिना व हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए प्रदेश में 21097 बेड हैं, लेकिन बेतहाशा बढ़ते मरीजों की वजह 25 हजार बिस्तर करने की तैयारी शुरू कर दी गई। हालांकि गंभीर मरीजों के लिए केवल एम्स व अंबेडकर अस्पताल का सहारा है। अंबेडकर के आईसीयू व एचडीयू में 30-30 बेड हैं, जो फुल हो गए हैं। एम्स में केवल 20 बेड ही गंभीर मरीजों के लिए हैं। माना, ईएसआई अस्पताल, इनडोर स्टेडियम व बाकी कोरोना केयर सेंटर में हल्के व बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज हो रहा है। प्रदेश में 178 कोरोना केयर सेंटर में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

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