प्राणियों के सबसे पहले पृथ्वी पर आने का रहस्य सुलझा

मेलबर्न . वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा लिया है कि प्राणी सबसे पहले धरती पर कैसे आए थे। यह इस ग्रह के लिए एक बेहद अहम क्षण था, जिसके बिना इंसान का अस्तित्व ही नहीं होता। ऑस्ट्रेलियन नैशनल यूनिवसर्टिी के शोधकर्ताओं ने मध्य ऑस्ट्रेलिया की प्राचीन अवसादी चट्टानों का विश्लेषण किया और पता लगाया कि प्राणियों का विकास 65 करोड़ साल पहले शैवाल के उदय के साथ शुरू हुआ। 

एएनयू के असोसिएट प्रफेसर जोशेन ब्रोक्स ने कहा, 'हमने इन चट्टानों को पीस कर चूर्ण बना दिया और प्राचीन जीवों के अणुओं को इसमें से निकाल लिया।' उन्होंने कहा कि शैवाल के उदय ने पृथ्वी के इतिहास में सबसे गहन पारिस्थितिकी क्रांतियों को शुरू किया। इसके बिना इंसान और अन्य प्राणियों का अस्तित्व न होता। 

नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए इस शोध का नेतृत्व करने वाले ब्रोक्स ने बताया, 'ये मॉलिक्यूल्स बताते हैं कि 65 करोड़ साल पहले धरती बहुत दिलचस्प हो गई थी। यह इकोसिस्टम की क्रांति थी, यह शैवाल का उदय था।' उन्होंने कहा कि शैवाल का उदय पृथ्वी के इतिहास के सबसे बड़ी पारिस्थितिक क्रांतियों में से एक था जिनके बिना इंसान और बाकी जानवरों का वजूद नहीं होता।

समुद्र में पोषक तत्वों के उच्च स्तर और अनुकूल वैश्विक तापमान ने शैवाल बनने के लिए पृथ्वी पर संपूर्ण परिस्थितियां पैदा कर दीं। ब्रोक्स ने बताया, 'भोजन के तल पर इन बड़ी पोषक रचनाओं ने जटिल पारिस्थितिक तंत्रों को ऊर्जा प्रदान की जहां बड़े और जटिल जानवर, जिनमें शुरुआती इंसान भी शामिल थे, पनप सकते थे।' ब्रोक्स के सहयोगी ऐंबर जेरेट ने बताया, 'इन चट्टानों में हमने आणविक जीवाश्म की खोज की है। हमें जल्द ही पत चल गया कि हमने यह बड़ी खोज कर ली है कि पूरी धरती के ठंडे होने का इसकी जटिल और लंबी जिंदगी से सीधा संबंध है।'

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