बच्चा स्कूल नहीं जा रहा तो ऐसे मनाएं 

कई बार बच्चे स्कूल जाने के नाम से ही रोने लगते हैं। ऐसे में अभिभावक भी परेशान हो जाते हैं और समझ नहीं पाते कि बच्चे को कैसे राजी करें। इस प्रकार के हालात में प्यार से बच्चों को स्कूल और पढ़ाई की अहमियत बता कर आप उन्हें जाने के लिए मना सकते है। इसके अलावा कई और बातों से भी आप उसे स्कूल जाने को उत्साहित कर सकते हैं।अक्सर स्कूल जाते समय बच्चे माता-पिता से दूर होने के कारण डरते है। ऐसे में आप उन्हें वहां पर होने वाले खेल-कूद के बारे में बताकर स्कूल जाने के लिए मना सकते है।
स्कूल में बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ दोस्ती करने बारे में बताएं। इससे आपका बच्चा दोस्तों के साथ खेल-कूद के बहाने स्कूल जाने लगेगा।बच्चों के लंच बाक्स में उनकी पंसद से ही खाना पैक करें। टिफिन पैक करने से पहले बच्चों से ही पूछ लें कि वो लेच में क्या खाना चाहते है।
आजकल के बच्चे टीचर से जल्दी अटैच हो जाते है लेकिन अगर आपका बच्चा किसी टीचर से डरता है तो उनसे बात करें। इससे बच्चों का डर दूर हो जाएगा और वो स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाएंगे।कई बार बच्चे होमवर्क न करने के कारण भी स्कूल जाने से डरते है। इसलिए नियमित रुस से बच्चों का होमवर्क करवाए। होमवर्क पूरा होने पर उन्हें स्कूल जाने से डर नहीं लगेगा।वहीं कई बार बच्चे सजा के डर की वजह से स्कूल जाने में कतराते है। अगर ऐसा है तो बच्चों से बात करके इसका कारण पूछें। इसकी वजह जानकर उसका हल निकालें और बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्यार से मनाए।

पढ़ाई की ओर ऐसे बढ़ेगा रुझान 
आमतौर पर देखा गया है कि बच्चे कई बार पढ़ाई के प्रति ध्यान नहीं देते इससे अभिभावक परेशान हो जाते हैं। ऐसे में वह कई बार डांट फटकार का सहारा लेते हैं पर जब बात नहीं बनती तो बच्चों की पिटाई तक कर देते हैं। अगर आप भी यही तरीका अपनाते हैं तो इसे बदल दें क्योंकि यह बच्चों को पढ़ाई से दूर ही कर देगा। 
अपने बच्चे का रुझान पढ़ाई के प्रति बढाने सबसे पहले उसे अनुशासित करें। 
अनुशासित करें
बच्चे में शुरू से ही पढ़ने की आदत डालने के लिए जरूरी है कि उन्हें अनुशासन सीखाया जाए, जिसके लिए आपको भी वही अनुशासन अपनाना होगा। हर रोज शाम को पार्क आदि में जाने के साथ-साथ यदि आप अपने बच्चे को किसी लाइब्रेरी में लेकर जाएंगे तो वह पढ़ना साखेगा। नयी किताबें और लाइब्रेरी का माहौल उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। 
नई किताबें लाएं
अपने बच्चे रोज अच्छी और नयी-नयी किताबों से रूबरू करवाएं। यह किसी भी तरह की किताबें हो सकती हैं, जैसे जानवरों की कहानी से लेकर किसी पारंपरिक या ऐतीहासिक कहानी, या फैरी टेल आदि। महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे को उसी की उम्र के हिसाब से किताबें दें। आप अपने बच्चे से भी पूछ सकते हैं कि किस तरह की किताबें में उसकी अधिक रुची है। 
रुचि पैदा करें
बच्चे पर अपनी पसंद की किताब थोपें नहीं, इस तरह से आपकी पसंद आपके बच्चे का उतनी रुचि नहीं बांध पाएगी। हो सकता है आपको पंचतंत्र की कहानी वाली किताबें पसंद हों और आपका बच्चा स्पाइडर मेन पढ़ना चाहता हो, तो उसे वही पढ़नें दें जो वह चाहता है। समझने की कोशिश करें कि यह अच्छी बात है कि वह पढ़ रहा है, समय के हिसाब से वह अपने लिए सही किताबें ढूंढना सीख ही लेगा। 
पढ़ना परिवार की आदत बनाएं
पढ़ने की आदत को परिवार की आदत बनाएं। बच्चे के आस-पास पढ़ने वाला माहौल पैदा करें। आप चाहे अखबार पढ़ें या कोई काल्पनीक किताब लेकिन किताबों को अपने घर का एक अहम हिस्सा बनाएं। किताब को आपके बच्चे के जीवन का हिस्सा बनाएं। उपहार के तौर पर किताबें खरीदें। बच्चे को उसे दें जिससे बच्चे को पढ़ना एक महत्वपूर्ण कार्य लगेगा।
तस्वीरों वाली किताबें दें 
बच्चों को ऐसी किताबें भी दी जाएं, जिनमें तस्वीरें हों। ये बच्चों को रोचक तो लगती ही हैं, साथ ही आजकल बच्चों के लिए कविता, राइम, कहानियों वाली डीवीडी भी आ रही हैं। उन्हें वह भी सुनाएं, इससे भी सकारात्मक असर पड़ता है। 
 

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