बच्चों को मिट्टी में खेलने दें  

अगर संक्रमण के डर से आप अपने बच्चों को बाहर खेलने से रोक रहे हैं तो आप उन्हें कमजोर बना रहे हैं। यह उनके लिए भविष्य में नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे बच्चे जरा से संक्रमण से बीमार पड़ जायेंगे। कहते हैं कि जंग जीतने के लिए मैदान में उतरना जरूरी होता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों में कीटाणुओं और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़े तो उसे अगली बार जुकाम और मामूली रोग से पीडि़त किसी भी व्यक्ति के पास जाने से रोकने की भूल न करें। शुरुआती साल में तो बच्चे को मिट्टी में ही खेलने दें। एक स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 
इस प्रकार बच्चों को जुकाम जैसे छोटे रोग और धूल-मिट्टी के संपर्क में आने से रोक कर आप जाने-अनजाने उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर कर रहे हैं। अगर पड़ोसी के बच्चे को जुकाम हो तो अपने बच्चे को बेझिझक उसके साथ खेलने दीजिए क्योंकि इस तरह से रोग और कीटाणुओं से लड़ने की क्षमता में इजाफा होगा। संगठन द्वारा किए गए एक चिकित्सक शोध के हवाले से उन्होंने कहा है कि जो ग्रामीण बच्चे खेतों की धूल फांकते हुए बड़े होते हैं उन्हें शहरी बच्चों के मुकाबले प्रदूषण और अन्य चीजों से बहुत कम एलर्जी होती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को उनके शुरुआती साल में मिट्टी में खेलने देना चाहिए ताकि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और शरीर छोटे मोटे रोगों के खिलाफ डटकर खड़ा रह सके। 
 

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