बहुत कुछ है अगले साल की गठरी में
नई दिल्ली: आने वाले साल में राजनीतिक मोर्चे पर पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, नोटबंदी का असर, जीएसटी का कार्यान्वयन, फीफा अंडर 17 वल्र्ड कप, क्रिकेट चैंपियन्स ट्रॉफी से लेकर रईस, काबिल, बाहुबली-2 तथा टॉयलेट एक प्रेमकथा आदि फिल्मों की रिलीज सहित बहुत कुछ होना है। अगले साल के शुरू में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। निश्चित रूप से इन चुनावों में नोटबंदी मुय मुद्दा होगा। नोटबंदी को लेकर सरकार को निशाने पर रखते हुए लामबंद हो रहे विपक्ष ने इसे जनविरोधी कदम बताया है। उसके तेवर स्पष्ट कर रहे हैं कि वह इसे मुय चुनावी मुद्दा बनाएगा। कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ पांच जनवरी से देशव्यापी प्रदर्शन करने का एेलान कर चुकी है। वहीं भाजपा के शीर्ष स्तर पर भी सवाल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ‘‘दुस्साहसी कदम’’ कहीं खुद भाजपा पर ही भारी न पड़ जाए।
दांव पर है भाजपा की साख
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भाजपा की साख दांव पर है। मणिपुर में वह कभी सत्ता में नहीं रही लेकिन वहां पार्टी क्षेत्रीय दलों से गठजोड़ कर सत्ता पर नजर बनाए हुए है। पंजाब और गोवा में आप की मौजूदगी ने परंपरागत चुनावी समीकरण बिगाड़ रखा है। दोनों ही राज्यों में भाजपा सत्ता में है और कांग्रेस उसकी परंपरागत प्रतिद्वन्द्वी है। मुंबई में अगले साल के शुरू में नगर निगम चुनाव होने हैं जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है और नोटबंदी तथा काले धन के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना के बीच पोस्टर युद्ध जारी है। अबुधाबी के शहजादे मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान अगले वर्ष भारत के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे।
कारोबार को है गति मिलने की उम्मीद
यूएई के सशस्त्र बलों के डिप्टी सुप्रीम कमांडर अल नाहयान की यात्रा से कारोबार और सुरक्षा समेत दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि यूएई और पाकिस्तान करीबी सहयोगी हैं और सीमापार आतंकवाद को लेकर भारत, पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हैं। वर्ष 2017 में पहली बार आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होने के बजाय फरवरी के शुरू में पेश किया जायेगा। सरकार चाहती है कि अप्रैल से पहले ही बजट पारित हो जाये और एक अप्रैल को वित्तीय वर्ष की शुरआत होने के दिन से ही उस पर अमल शुरू हो जाये। इससे पहले मई में पूरा बजट पारित होता था और जून से उस पर वास्तविक अमल हो पाता था। वर्ष 2017 में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं होगा बल्कि इसे आम बजट के एक हिस्से के तौर पर पेश किया जायेगा।
इस साल होगा आम बजट और रेल बजट मिलकर पेश
अब तक रेल बजट अलग से पेश होता रहा है, लेकिन इस बार सरकार ने आम बजट और रेल बजट को मिलाकर पेश करने का फैसला किया है। सरकार ने बजट में योजना और गैर-योजना बजट जैसे वर्गीकरण में भी बदलाव लाने का फैसला किया है। इसके स्थान पर बजट वर्गीकरण राजस्व और पूंजी व्यय के तौर पर होगा। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) अगले साल लागू होगा। सरकार का इरादा इसे एक अप्रैल 2017 से अमल में लाने का है लेकिन यह समयसीमा पूरी होती नहीं दिखती। जीएसटी लागू करने के लिये अभी केन्द्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और एकीकृत जीएसटी विधेयकों को पारित कराया जाना है। केन्द्र और राज्यों के बीच करदाता इकाइयों पर अधिकार का मुद्दा भी अभी सुलझा नहीं है।
एक जुलाई तक होगा जीएसटी लागू
उम्मीद की जा रही है कि एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हो जाऐगा। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी कई अहम बदलाव आने वाले साल में होंगे। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के फैसले पर वास्तविक अमल अभी होना बाकी है। उसके बाद यूरोप और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में कई अहम् बदलाव होंगे। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति संभालने के बाद आर्थिक नीतियां किस करवट बैठती हैं इस पर दुनिया की नजर होगी। डालर अभी से मजबूत होने लगा है। ट्रंप कह चुके हैं कि दूसरे देशों के लोगों को नौकरी पर रखने वाली कंपनियों को अधिक कर देना होगा। कच्चे तेल के दाम पिछले कुछ सालों से नीचे रहने के बाद अब फिर से मजबूती की तरफ बढ़ रहे हैं। तेल निर्यातक देशों के संगठन आेपेक ने कच्चे तेल उत्पादन में कटौती का फैसला किया है। रूस और दूसरे तेल उत्पादक देशों की भी इसमें सहमति बनी है। कच्चे तेल उत्पादन में कटौती के फैसले से इसके दाम 50 डालर से उपर पहुंच गये हैं। कच्चे तेल के दाम बढऩे के भारत, चीन सहित दुनिया के अधिक खपत वाले देशों पर काफी असर पड़ेगा।