बिलासपुर के 15 मोहल्ले में 27 कोरोना संक्रमित मरीज, महिला AIG परिवार सहित पॉजिटिव

 

छत्तीसगढ़ में रायगढ़ और रायपुर के बाद बिलासपुर कोरोना का बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है। 24 घंटे के दौरान जिले में 31 नए मरीज मिले हैं। इसके बाद एक्टिव केस की संख्या 91 पहुंच गई है। इनमें ASP उमेश कश्यप की पत्नी और AIG दीपमाला कश्यप, उनकी दो बेटियां सहित घर में काम करने वाली नौकरानी और सिरगिट्‌टी थाना प्रभारी फैजूल शाह भी शामिल हैं। इसके साथ ही नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर भी खतरा बढ़ने लगा है। जर्मनी से लौटा युवक पॉजिटिव मिला है। दो दिन पहले उसकी रिपोर्ट निगेटिव थी।

जिले में पिछले एक सप्ताह से संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। मंगलवार से नए मरीजों की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी हो रही है। मंगलवार को 9 केस मिले थे, बुधवार को इनकी संख्या 17 और फिर गुरुवार को आंकड़ा 31 पर पहुंच गया। इसके बाद जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। नियंत्रण और उपचार के साथ ही टेस्टिंग और ट्रेसिंग तेज कर दी गई है। CMHO डॉ.प्रमोद महाजन ने जिले के 31 निजी अस्पतालों में 1316 बेड तैयार कर इलाज करने की अनुमति दे दी है।

शहर के 15 से ज्यादा मोहल्लों में रहने वाले 27 लोग संक्रमित पाए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र से तीन लोग कोरोना की चपेट में आए हैं। दिसंबर में 138 मरीज मिले हैं। इनमें मिनोचा कॉलोनी, कोटा, चंदेला नगर रिंग रोड 2, सिंधी कॉलोनी, जबड़ापारा सरकंडा, अपोलो हॉस्पिटल कैंपस, हेमूनगर, नवागांव कोटा, श्री विहार सरकंडा, सेंट्रल जेल बिलासपुर, मुंगेली नाका, बड़ी कोनी, मेंटल हॉस्पिटल सेंदरी, सरकंडा, रामकृष्ण नगर, ओमनगर जरहाभाठा, आरके नगर, आदर्स कॉलोनी, विनोबा नगर, शनिचरी बाजार, शेष कॉलोनी, महामाया विहार वेयर हाउस रोड, सीआरपीएफ कैंप भरनी सहित अन्य इलाकों में मरीजों की पहचान होने के बाद संपर्क में रहने वालों की जांच की जाएगी।

शेष कॉलोनी निवासी 30 साल का युवक 19 दिसंबर को जर्मनी से शहर लौटा था। 26 दिसंबर को उन्होंने एक निजी लैब में अपनी कोरोना जांच कराई थी। तब रिपोर्ट निगेटिव आई थी। 29 दिसंबर को फिर उनकी जांच स्वास्थ्य विभाग ने की तो गुरुवार को वे कोरोना पॉजिटिव मिले। अब उनके संपर्क में रहने वालों की जांच होगी। ओमिक्रॉन की आशंका के चलते अब उनका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए भुवनेश्वर भेजा जाएगा।

CMHO डॉ. प्रमोद महाजन ने निजी अस्पताल में मरीज के इलाज, मरीजों के परिजनों की सहायता के लिए सभी अस्पतालों के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। उपचार को लेकर किसी तरह परेशानी होने पर उनके संपर्क किया जा सकता है। नोडल अधिकारी उपचार के लिए ली जाने वाले फीस पर भी नजर रखेंगे।

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