बीजेपी नेता संबित पात्रा को जबलपुर हाइकोर्ट से मिली राहत, ये है मा्मला
जबलपुर. बीजेपी (bjp) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (sambit patra) को जबलपुर हाईकोर्ट (jabalpur high court) से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट के जस्टिस जी पी गुप्ता की एकलपीठ ने पात्रा के खिलाफ भोपाल जिला न्यायालय (bhopal district court) में चल रहे आपराधिक प्रकरण खारिज करने का आदेश दिया है. संबित पात्रा के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान भोपाल के एमपी नगर थाने में केस दर्ज हुआ था.
अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस द्वारा धारा 188 के तहत पेश किए गए चालान पर न्यायालय संज्ञान नहीं ले सकती. न्यायालय सिर्फ लोक सेवक की तरफ से पेश किए गए आवेदन पर ही इस धारा के तहत संज्ञान ले सकती है. प्रदेश में विधान सभा चुनाव के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने 27 अक्टूबर 2018 को भोपाल के एमपी नगर स्थित प्लॉट नम्बर 1 में पत्रकारवार्ता की थी. पत्रकार वार्ता के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक का समय निर्धारित था. लेकिन पात्रा ने निर्धारित समय से पूर्व 12.30 बजे ही पत्रकारवार्ता शुरू कर दी थी. इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए निर्वाचन अधिकारी एल एल अहिरवार ने उनके खिलाफ एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी.
धारा 188 के तहत पुलिस द्वारा पेश चालान अदालत में स्वीकार नही : पात्रा
संबित पात्रा की ओर से पैरवी कर रही अधिवक्ता नम्रता अग्रवाल के मुताबिक पुलिस ने धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर उनके खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया था. भोपाल जिला न्यायालय ने प्रकरण को खाजिर करने का आवेदन नामंजूर करते हुए उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण में आरोप तय कर दिए थे. न्यायालय ने संबित पात्रा की व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए उनके खिलाफ जमानतीय वारंट भी जारी किया था. इसके खिलाफ उन्होने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
आपराधिक प्रकरण खारिज करने की अपील
याचिका में मांग की गयी थी कि भोपाल पुलिस की ओर से दर्ज आपराधिक प्रकरण खारिज किया जाए. याचिका की सुनवाई के दौरान पात्रा की ओर से एकलपीठ को बताया गया कि किसी लोक अधिकारी ने धारा 188 के तहत कार्रवाई के लिए न्यायालय में आवेदन पेश नहीं किया था. न्यायालय ने इस पर संज्ञान लिया है. सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ भोपाल न्यायालय में लंबित प्रकरण को खारिज कर अपने आदेश में संबंधित प्राधिकरण को विधि अनुसार याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्यवाही की छूट दी है.