बुलंदशहर लोकसभा सीट: जानिए कौन-कौन प्रत्याशी हैं मैदान में, किसके बीच है टक्कर

बुलंदशहर लोकसभा सीट भी यूपी की अरक्षित सीटों में से एक है. यह सीट पिछले साल गोकशी के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह और एक युवक की मौत के बाद चर्चा में आई थी. लिहाजा एक बार फिर इस चुनाव में ध्रुवीकरण एक मुद्दा होगा. यह सीट बीजेपी के एक मजबूत किले के तौर पर मानी जाती रही है.

बुलंदशहर लोकसभा सीट से 2019 में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. यहां पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होने वाला है. इस चुनावी समर में 13 उम्मीदवार मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी के निवर्तमान सांसद भोला सिंह, कांग्रेस के बंशी सिंह और बसपा के योगेश वर्मा के बीच है.

बुलंदशहर संसदीय सीट से फिलहाल बीजेपी के भोला सिंह ही सांसद हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने यहां से प्रचंड जीत हासिल की थी. इस बार भी वे मैदान में हैं. 1952 से लेकर 1971 तक यहां हुए पांच चुनाव में कांग्रेस ने लगातार जीत दर्ज की, लेकिन उसके बाद यहां पर मतदाताओं ने लगातार हुए चुनावों में अलग-अलग पार्टियों को तवज्जो दी. 90 के दशक में राम लहर के दौर में 1991 से लेकर 2004 तक लगातार पांच बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव हासिल की. 2009 में यहां समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार कमलेश वाल्मिकी ने बड़ी जीत दर्ज की, लेकिन 2014 में देश में चली मोदी लहर का असर यहां भी दिखा और बीजेपी ने जीत हासिल की.

बुलंदशहर का जातिगत समीकरण

2014 में लोकसभा चुनाव के अनुसार इस सीट पर 17 लाख से अधिक वोटर हैं. इनमें 9 लाख से अधिक पुरुष और करीब 8 लाख महिला वोटर हैं. बुलंदशहर में करीब 77 फीसदी हिंदू और 22 फीसदी मुस्लिम आबादी रहती हैं. बुलंदशहर लोकसभा के अंतर्गत कुल 5 विधानसभा अनूपशहर, बुलंदशहर, डिबाई, शिकारपुर और स्याना विधानसभा सीटें आती हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में इन सभी 5 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है.

2014 लोकसभा चुनाव परिणाम
2014 में बीजेपी के भोला सिंह को करीब 60 फ़ीसदी वोट मिले थे. कुल 10 लाख मत पड़े थे, जिसमें से 6 लाख वोट भोला सिंह को मिले थे. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी प्रदीप कुमार जाटव को 1 लाख 82 हजार वोट मिले थे.
 

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